इंडस्ट्रियल ग्रोथ 8 महीने के उच्चतम स्तर पर:जनवरी में IIP 5% रही, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का अच्छा परफॉर्मेंस इसका कारण

जनवरी में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 8 महीने के उच्चतम स्तर 5% पर पहुंच गई है। एक साल पहले यानी जनवरी 2024 में ये 4.2% थी। वहीं दिसंबर 2024 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 3.2% बढ़ा था। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अच्छे परफॉर्मेंस के कारण इंडस्ट्रियल ग्रोथ बढ़ी है। मैन्युफैक्चरिंग का IIP में तीन-चौथाई से ज्यादा का योगदान है। जनवरी में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट 5.5% बढ़ गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में ये 3.6% था। वहीं माइनिंग सेक्टर के उत्पादन में जनवरी में 4.4% की ग्रोथ देखी गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 6.0% थी। इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में जनवरी में 2.4% की ग्रोथ हुई। पिछले साल इसी महीने में इसमें 5.6% की ग्रोथ दर्ज की गई थी। दिसंबर की तुलना में जनवरी में सेक्टर वाइज इंडस्ट्रियल ग्रोथ: इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) क्या है? जैसा कि नाम से ही जाहिर है, उद्योगों के उत्पादन के आंकड़े को औद्योगिक उत्पादन कहते हैं। इसमें तीन बड़े सेक्टर शामिल किए जाते हैं। पहला है- मैन्युफैक्चरिंग, यानी उद्योगों में जो बनता है, जैसे गाड़ी, कपड़ा, स्टील, सीमेंट जैसी चीजें। दूसरा है- खनन, जिससे मिलता है कोयला और खनिज। तीसरा है- यूटिलिटिज यानी जन सामान्य के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजें। जैसे- सड़कें, बांध और पुल। ये सब मिलकर जितना भी प्रॉडक्शन करते हैं, उसे औद्योगिक उत्पादन कहते हैं। इसे नापा कैसे जाता है? IIP औद्योगिक उत्पादन को नापने की इकाई है- इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन। इसके लिए 2011-12 का आधार वर्ष तय किया गया है। यानी 2011-12 के मुकाबले अभी उद्योगों के उत्पादन में जितनी तेजी या कमी होती है, उसे IIP कहा जाता है। इस पूरे IIP का 77.63% हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से आता है। इसके अलावा बिजली, स्टील, रिफाइनरी, कच्चा तेल, कोयला, सीमेंट, प्राकृतिक गैस और फर्टिलाइजर- इन आठ बड़े उद्योगों के उत्पादन का सीधा असर IIP पर दिखता है।

Mar 12, 2025 - 21:34
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इंडस्ट्रियल ग्रोथ 8 महीने के उच्चतम स्तर पर:जनवरी में IIP 5% रही, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का अच्छा परफॉर्मेंस इसका कारण

इंडस्ट्रियल ग्रोथ 8 महीने के उच्चतम स्तर पर: जनवरी में IIP 5% रही, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का अच्छा परफॉर्मेंस इसका कारण

Kharchaa Pani

लेखिका: सुमिता शर्मा, नीता वर्मा

टीम नेटानागरी

न्यूज़ का संक्षेपण

जनवरी में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 5% की वृद्धि हुई है, जो पिछले 8 महीनों का उच्चतम स्तर है। इस वृद्धि का मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्कृष्ट प्रदर्शन है।

जनवरी में औद्योगिक उत्पादन का विश्लेषण

जनवरी 2023 में, भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 5% तक पहुंच गया है। यह वृद्धि न केवल आर्थिक हालात के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, बल्कि रोजगार के अवसरों में भी सुधार का संकेत देती है। यह संख्या पिछले आठ महीनों में सबसे उच्चतम स्तर पर है, जो बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है।

मुख्य कारणों में मैन्युफैक्चरिंग का योगदान

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने औद्योगिक उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस क्षेत्र का प्रदर्शन विशेष तौर पर ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता सामानों के निर्माण के कारण अच्छा रहा है। इन उद्योगों में वृद्धि ने न केवल उत्पादन स्तर को बढ़ाया, बल्कि इनसे जुड़े अन्य क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है।

रेशियो का समग्र प्रभाव

आंकड़े बताते हैं कि जब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करता है, तो यह खुदरा, सेवा, और अन्य संबद्ध उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे रोजगार का सृजन होता है और उपभोक्ता खर्च में भी वृद्धि होती है। यह स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में उम्मीद जगती है।

निष्कर्ष

अंतिम रूप से, जनवरी में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक बढ़ने से यह स्पष्ट होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिरता की ओर बढ़ रही है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आगे आने वाले महीनों में यदि यह रुख बनाए रखता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई ऊँचाई पर ले जा सकता है।

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