आवासीय एवं अनावासीय भवनों के लिए जल्दी भूमि चिन्हित करने के निर्देश - उत्तराखंड
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद एवं अधीनस्थ न्यायालयों, पारिवारिक न्यायालयों आदि के आवासीय एवं अनावसिया भवनों के निर्माण हेतु भूमि हस्तांतरण के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी … read more

आवासीय एवं अनावासीय भवनों के लिए जल्दी भूमि चिन्हित करने के निर्देश
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कम शब्दों में कहें तो मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने जिलाधिकारियों को जल्दी भूमि चिन्हित करने के आदेश दिए हैं।
उत्तराखंड के सचिवालय में, मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद न्यायालयों और पारिवारिक न्यायालयों के आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि पौड़ी, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग और देहरादून जैसे जनपदों में न्यायालयों के लिए शीघ्र भूमि चिन्हित कर हस्तांतरित की जाए।
भवन निर्माण की आवश्यकता
मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि जनपद न्यायालयों तथा विखंडित पारिवारिक न्यायालयों के लिए आवासीय भवनों की आवश्यकता अत्यंत आवश्यक हो गई है। इन भवनों का निर्माण न्यायिक कार्य में तेजी लाने और न्याय प्राप्त करने में सुलभता लाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस दिशा में तेजी से कदम उठाने की आवश्यकता है।
स्नातक स्तर की परीक्षा की तैयारी
इसके अलावा, मुख्य सचिव ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 21 सितंबर, 2025 को आयोजित की जाने वाली स्नातक स्तरीय परीक्षा को प्रभावी और पारदर्शी रूप से आयोजित करने की बात की है। उन्होंने जिलाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परीक्षा को लेकर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी हो।
सुरक्षा की दृष्टि से सख्त निर्देश
मुख्य सचिव ने परीक्षा में गोपनीय सामग्री की सुरक्षा के लिए डबल लॉक, सीसीटीवी और सुरक्षा गार्डों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा से पूर्व संवेदनशील जनपदों की सीमाओं पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए ताकि नकल की गतिविधियों का पता लगाया जा सके। संदिग्ध व्यक्तियों और कोचिंग संस्थानों पर निगरानी रखने की व्यवस्था भी तैयार की जानी चाहिए।
उपस्थित अधिकारी
इस बैठक में प्रमुख सचिव एल. फ़ैनाई, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, अध्यक्ष यूकेएसएसएससी जीएस मर्ताेलिया, सचिव शैलेश बगौली सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और जनपदों के जिलाधिकारी एवं जनपद न्यायाधीश भी उपस्थित थे।
बैठक से यह स्पष्ट है कि सरकार न्यायपालिका की बुनियादी सुविधाओं को सुधारने के लिए तत्पर है। यह कदम न केवल न्याय की उपलब्धता को बढ़ाएगा, बल्कि इससे न्याय प्रक्रिया में भी सुधार होगा।
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सादर,
टीम खर्चा पानी
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