हरिद्वार: देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इण्डियन ए.आई. समिट में शामिल हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं सीएम धामी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा आयोजित इण्डियन ए.आई समिट में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला […] The post Haridwar:-देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा आयोजित इण्डियन ए.आई समिट में शामिल हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं सीएम धामी appeared first on संवाद जान्हवी.

हरिद्वार: देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इण्डियन ए.आई. समिट में शामिल हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं सीएम धामी
कम शब्दों में कहें तो, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा आयोजित इण्डियन ए.आई समिट में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या एवं अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
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समिट का शुभारंभ और इसकी महत्ता
समिट में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आधुनिक युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने उल्लेख किया कि आज विभिन्न क्षेत्रों में एआई का उपयोग बढ़ता जा रहा है और इसे आध्यात्मिक मूल्यों के साथ समावेशित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एआई के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भारत के ज्ञान और संस्कृति को फैलाने की दिशा में सार्थक पहल होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एआई सम्मेलन का आयोजन करने के लिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय और डॉ. चिन्मय पाण्ड्य का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म का अद्वितीय संगम है। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति केवल आस्था और विश्वास पर आधारित नहीं है, बल्कि यह गहरी वैज्ञानिक दृष्टिकोण का परिणाम है।
एआई की शक्ति
मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया कि एआई तकनीक न केवल हमारे दैनिक जीवन को सरल बना रही है, बल्कि यह उद्योग, चिकित्सा, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में नवाचार को भी प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि इस तकनीक का सही दिशा में उपयोग किया जाए, तो यह समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
डॉ. चिन्मय पंड्या की टिप्पणी
संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित विशेष आयोग के एशिया क्षेत्र के कमिश्नर डॉ. चिन्मय पंड्या ने सम्मेलन में एआई का विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी प्रभाव बताने का प्रयास किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एआई के साथ कई नैतिकता, गोपनीयता और डेटा सुरक्षा से संबंधित चिंताएं भी उभर रही हैं।
विशेष अतिथियों के विचार
स्विट्जरलैंड के इन्टर पार्लियामेंट्री यूनियन के सचिव जनरल श्री मार्टिल चुंगोंग ने वीडियो संदेश के माध्यम से एआई की वैश्विक भूमिका को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर भारत सरकार के एआई मिशन के सीईओ डॉ. अभिषेक सिंह, तहत कई अन्य विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।
सम्मेलन में मौजूद गणमान्य व्यक्ति
इस समिट में विधायक मदन कौशिक, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, राज्यमंत्री डॉ. जयपाल सिंह चौहान, अन्य जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और देव संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
इस प्रकार, देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इण्डियन ए.आई समिट न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के समन्वय को भी बढ़ावा देने का एक मंच रहा। आगे चलकर, यह देखना होगा कि ये तकनीकी नवाचार भारतीय समाज और संस्कृति में कैसे योगदान देंगे।
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टीम खर्चा पानी
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