अश्लीलता रोकने के लिए सरकार लाएगी डिजिटल इंडिया बिल:सोशल मीडिया कंटेट पर नजर रखी जाएगी; केंद्र करीब 15 महीने से काम कर रहा

सोशल मीडिया पर अश्लीलता रोकने के लिए केंद्र सरकार मौजूदा आईटी एक्ट की जगह डिजिटल इंडिया बिल लाने पर काम कर रही है। नए कानून में यू ट्यूबर, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया यूजर्स को रेगुलेट करने के प्रावधान रहेंगे। डिजिटल इंडिया बिल पर केंद्र करीब 15 महीने से काम कर रहा है। अलग–अलग क्षेत्र के लिए विशिष्ट प्रावधान वाले कानून बनाए जाएंगे। जैसे दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण संबंधी विषयों के लिए अलग–अलग प्रावधान रखे जाएंगे। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गवर्नेंस की भी व्यवस्था हो। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर अलाहबादिया के विवाद के चलते सरकार डिजिटल इंडिया बिल की ओर वापसी कर रही है। हालांकि, एआई गवर्नेस इससे अलग रखने का फैसला किया है। इसके लिए पूरी तरह अलग नियमन की जरूरत है। सरकार के सामने तुरंत की बाध्यता सुप्रीम कोर्ट को संतोषजनक जवाब देने की है कि आईटी एक्ट की खामियां दूर करने के लिए क्या किया जा रहा है। आईटी मामलों पर संसदीय समिति ने भी अश्लील कंटेंट पर अंकुश के लिए सरकार से जवाब मांग रखा है। आईटी एक्ट साल 2000 में बना था, तब 60 लाख नेट यूजर थे, अब 90 करोड़ आईटी एक्ट, 2000 पुराना हो चुका है। यह बना तब देश में इंटरनेट यूजर 60 लाख तक थे। अब 90 करोड़ से ज्यादा हैं। संसदीय समिति ने हाल में अश्लील व फूहड कंटेंट पर सरकार से पूछा था कि आईटी एक्ट में ऐसे कंटेंट को लेकर क्या प्रावधान हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल और सॉलीसिटर जनरल को अगली सुनवाई पर बुलाया है। कंटेंट को लेकर सरकार की गाइडलाइन भारत सरकार ने 2021 में The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules बनाया था। इसे 6 अप्रैल, 2023 को अपडेट किया गया। 30 पेज की गाइडलाइंस में सोशल मीडिया, फिल्म और वेब सीरीज के लिए नियम बताए गए हैं। पेज नंबर-28 पर फिल्म, वेब सीरीज और एंटरटेनमेंट प्रोग्राम के लिए जनरल गाइडलाइंस है। इसमें टारगेट ऑडियंस के आधार पर कैटेगरी तय करना जरूरी है। ये चेतावनी देना भी जरूरी है कि आप क्या कंटेंट दिखा रहे हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक, OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ग्रीवांस ऑफिसर रखने होंगे। कंटेंट कानून के हिसाब से होना चाहिए। उसमें सेक्स न हो, एंटी नेशन न हो और बच्चों-महिलाओं को नुकसान पहुंचाने वाला न हो। इसकी निगरानी के लिए दो तरह के नियम हैं… पहला: सेल्फ रेगुलेटरी होना चाहिए। मतलब कंटेंट को अपलोड करने वाला सरकार की गाइडलाइंस का ध्यान रखेगा। इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, OTT, मोबाइल एप्स खुद इनका ध्यान रखेंगे। ये जांचेंगे कि कोई कंटेंट गलत तो नहीं है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी नहीं होनी चाहिए। ये भी देखेंगे कि सेक्शुअल कंटेंट किस लेवल का है और भाषा किस तरह की है। दूसरा: अगर किसी को कंटेंट पर आपत्ति है, तो वो शिकायत कर सकता है। इसके लिए कंटेंट पब्लिश करने वाले प्लेटफॉर्म, वेबसाइट, एप पर शिकायत करने के लिए सिस्टम होगा। उस पर ग्रीवांस ऑफिसर का नाम, फोन नंबर और ईमेल आईडी होगी। कोई भी व्यक्ति उस पर शिकायत कर सकेगा। शिकायत अधिकारी 24 घंटे में शिकायत रजिस्टर करेगा। शिकायत करने वाले को एक्नॉलेजमेंट देना होगा। शिकायत की तारीख से 15 दिनों के अंदर उसका हल करना होगा। अगर कंटेंट हटाने की जरूरत होगी, तो उसे हटाना होगा। शिकायत न सुनी जाए, तो सूचना प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर भी शिकायत कर सकते हैं। अश्लील कंटेंट केस में फंसे सेलिब्रिटी रणवीर अलाहबादिया और समय रैना: रणवीर अलाहबादिया पर आरोप था कि उन्होंने समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में पेरेंट्स पर अश्लील कमेंट किए थे। इसके बाद उनके ऊपर महाराष्ट्र, असम समेत कई जगहों पर FIR दर्ज की गईं। मामले में समय रैना और अपूर्वा मखीजा के खिलाफ भी केस दर्ज है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है। राज कुंद्रा : मुंबई पुलिस ने 19 जुलाई, 2021 को एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को पोर्न फिल्में बनाने और उन्हें वेबसाइट-एप्लिकेशन से डिस्ट्रीब्यूट करने के आरोप में अरेस्ट किया था। मुंबई पुलिस ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने फरवरी, 2021 में एक केस दर्ज किया था। इस मामले में राज कुंद्रा के शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं। इस मामले में कुंद्रा समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कोर्ट में बताया कि ‘राज कुंद्रा अपने एप हॉटशॉट के जरिए अश्लील वीडियो की डीलिंग कर रहे थे।’ एकता कपूर : 22 अक्टूबर को फिल्म मेकर एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर के खिलाफ मुंबई के बोरीवली में पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। उन पर OTT प्लेटफॉर्म ‘ऑल्ट बालाजी' की वेब सीरीज ‘गंदी बात' में नाबालिगों से जुड़ा अश्लील कंटेंट दिखाने का आरोप लगा। ये सीरीज फरवरी से अप्रैल 2021 के बीच दिखाई गई थी। एकता कपूर ऑल्ट बालाजी की फाउंडर हैं। हालांकि, तब उनकी कंपनी ऑल्ट डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट लिमिटेड ने कहा था कि कंपनी सभी कानूनों का पूरी तरह पालन करती है। बैन ऐप्स के वीडियो टेलीग्राम पर मिल रहे 12 मार्च, 2024 को सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अश्लील कंटेंट दिखाने वाले 18 OTT प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया था। इनके अलावा 19 वेबसाइट, 10 ऐप और इनसे जुड़े 57 सोशल मीडिया अकाउंट्स भी बंद कर दिए थे। मंत्रालय के प्रेस नोट में सभी 18 OTT प्लेटफॉर्म के नाम भी दिए गए। प्रेस नोट में लिखा था कि अब इन्हें भारत में कहीं भी एक्सेस नहीं किया जा सकता। हमारी पड़ताल में पता चला कि वेबसाइट और OTT प्लेटफॉर्म तो बंद हैं, लेकिन बैन किए गए 18 ऐप में से 11 का कंटेंट अब टेलीग्राम पर मिल रहा हैं। ऐप के नाम से चैनल बने हैं, जिन पर मार्च 2024 के बाद भी वीडियो पोस्ट किए गए हैं। वीडियो प्ले करने के लिए अलग से मोबाइल ऐप डाउनलोड कराया जा रहा है। इन ऐप पर 16 फरवरी, 2025 तक वीडियो अपलोड किए गए हैं। नेटफ्लिक्स, ऑल्ट बालाजी और X के खिलाफ भी शिकायत पूर्व सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर उदय महूरकर ने सोशल म

Feb 20, 2025 - 04:34
 134  501.8k
अश्लीलता रोकने के लिए सरकार लाएगी डिजिटल इंडिया बिल:सोशल मीडिया कंटेट पर नजर रखी जाएगी; केंद्र करीब 15 महीने से काम कर रहा
सोशल मीडिया पर अश्लीलता रोकने के लिए केंद्र सरकार मौजूदा आईटी एक्ट की जगह डिजिटल इंडिया बिल लाने

अश्लीलता रोकने के लिए सरकार लाएगी डिजिटल इंडिया बिल: सोशल मीडिया कंटेट पर नजर रखी जाएगी; केंद्र करीब 15 महीने से काम कर रहा

Kharchaa Pani
लेखक: प्रियंका शarma, तान्या सहाय, टीम नेटानागरी

परिचय

भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया बिल पर काम करते हुए अश्लीलता पर काबू पाने के लिए दृढ़ संकल्प लिया है। इस नए बिल का उद्देश्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपलोड होने वाले सामग्री की निगरानी करना है ताकि अश्लीलता का प्रभाव कम किया जा सके। लगभग 15 महीनों से केंद्र सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है।

डिजिटल इंडिया बिल की आवश्यकता

वर्तमान समय में, सोशल मीडिया का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है और इसके साथ ही अश्लील सामग्री का भी प्रसार बढ़ता जा रहा है। युवा पीढ़ी पर इसके नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए सरकार ने इसे एक गंभीर मुद्दा माना है। डिजिटल इंडिया बिल को इस समस्या का समाधान प्रदान करने के लिए लाया जा रहा है।

बिल के मुख्य प्रावधान

डिजिटल इंडिया बिल में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल होंगे:

  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट की निगरानी और नियंत्रण।
  • यूज़र्स की पहचान को स्पष्ट करने के लिए सख्त नियम।
  • अश्लीलता के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कानूनी प्रावधान।
  • सरकारी एजेंसियों को कंटेंट की समीक्षा और संदिग्ध सामग्री को हटाने का अधिकार।

बिल का प्रभाव

यदि यह बिल लागू होता है, तो इसका प्रभाव काफी सकारात्मक हो सकता है। इससे युवा पीढ़ी को अश्लीलता से दूर रखा जा सकेगा और अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर मॉडरेशन बढ़ने से उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

सरकार की प्रतिक्रिया और जनता की सोच

कई लोगों का मानना है कि यह बिल एक सकारात्मक कदम है, जबकि कुछ इसे सेंसरशिप के रूप में भी देख रहे हैं। सरकार ने कहा है कि इसका उद्देश्य केवल अश्लीलता को रोकना है, न कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करना। ऐसे में यह देखना होगा कि इस पर जनता की क्या प्रतिक्रिया होगी।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा लाए जा रहे डिजिटल इंडिया बिल का उद्देश्य समाज में अश्लीलता को कम करने का है। इसके प्रभावी कार्यान्वयन से न केवल युवा पीढ़ी को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि सामाजिक अनुशासन में भी सुधार होगा। अधिक जानकारी के लिए, kharchaapani.com पर जाएं।

Keywords

digital india bill, social media content control, obscene content prevention, government action against pornography, youth safety measures, digital regulation in india

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow