अमृतसर में अमेरिकी सेना का दूसरा प्लेन लैंड,116 भारतीय लौटे:पंजाब के 67, हरियाणा के 33 लोग, ज्यादातर 18 से 30 साल की उम्र के

अमेरिका से 116 अवैध प्रवासियों को लेकर सैन्य विमान सी-17A ग्लोबमास्टर-3 शनिवार देर रात 11:30 बजे अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। यह दूसरा बैच था। पहले 119 अप्रवासियों को डिपोर्ट करने के खबरें थीं, लेकिन बाद में लिस्ट अपडेट की गई। निर्वासित लोगों में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से 8, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से 2-2 और हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। इनमें अधिकांश 18 से 30 साल की उम्र के हैं। इन्हें रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्‌टू, अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला एयरपोर्ट पहुंचे थे। इस बार भारतीयों को कैसे भेजा गया और उनके हाथ में हथकड़ी थी या नहीं इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। तीसरा बैच आज सुबह आएगा अमेरिका तीसरे बैच में 157 अवैध प्रवासी भारतीयों को रविवार सुबह अमृतसर भेजेगा। इससे पहले 5 फरवरी को अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 से 104 भारतीयों को अमृतसर पहुंचाया गया था। इन लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर लाया गया था। 4 कहानियों से समझें पंजाबियों का दर्द... 1. पटियाला: सोहजबीर ने जमीन गिरवी रखी, 60 लाख खर्चे पटियाला के गांव गाजेवास के सोहजबीर की मां बलजिंदर को पता ही नहीं था कि बेटा डिपोर्ट किया है। मां बिलख उठी। बताया, अपना 3 एकड़ जमीन गिरवी रखी, उधार लेकर 60 लाख खर्चे। एजेंट ने उसे एक साल दुबई रखा। हमें कहा 20 दिन में अमेरिका भेजेंगे। 23 जनवरी को बॉर्डर क्रॉस किया। फिर संपर्क नहीं हुआ। मां बलजिंदर कौर और पिता सुखदीप सिंह ने संतोष जताया कि मेरा बेटा से सकुशल घर आ रहा है। 2. बीस साल का जश्नप्रीत सिंह रिफ्यूजी कैंप में भी रहा हलका भुलत्थ के गांव पंडोरी राजपूतां से अमेरिका गए 20 वर्षीय जश्नप्रीत सिंह के डिपोर्ट होने की खबर मिलने पर मां कुलदीप कौर की आंखों में आंसू थे। वह भरी आंखों से परमात्मा का शुक्र भी अदा कर रही थी कि बेटा सही सलामत लौट रहा है। पिता ने बताया, बेटा अगस्त में स्पेन पहुंचा था। वहां अमेरिका जाने का मन बनाया। जनवरी में अमेरिका के रिफ्यूजी कैंप में पहुंचा था। लेकिन उसे डिपोर्ट कर दिया गया। 3. ब्याज पर रुपए लेकर बेटे को 2 साल पहले अमेरिका भेजा गुरदासपुर के गांव भेट पतन निवासी अजायब सिंह ने बताया कि उनका बेटा गुरमेल सिंह अमेरिका से डिपोर्ट हो रहा है। वह 2 साल पहले अमेरिका गया था। एजेंट ने कई महीनों तक उसे दुबई रोमानियां समेत कई जगह तक घुमाता रहा । इस साल 27 जनवरी को वह अमेरिका पहुंचा था। अमेरिका भेजने के लिए उन्होंने 50 लाख में एजेंट से डील की थी। ब्याज पर पैसे लेकर एजेंट को 35 लाख रुपए दिए थे। 4. दो ट्रक और प्रॉपर्टी बेचकर पोते को अमेरिका भेजा जंडियाला गुरु अमृतसर निवासी मंगल सिंह ने बताया कि उनका पोता जसनूर 9 जून 2024 को डंकी रूट से अमेरिका गया था। 29 और 30 जनवरी की रात को बॉर्डर क्रॉस की। इसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं हुआ। आज मीडिया से पता चला कि जसनूर डिपोर्ट होकर आ रहा है। उसे 2 बड़े कॉमर्शियल ट्रक बेचकर 54 लाख रुपए दिए थे। फिर साढ़े 11 लाख रुपए कर्ज पर लेकर एजेंट को दिए। अब एजेंट पैसे वापस नहीं करेगा तो केस करेंगे। पंजाब सीएम ने कहा- पंजाब को बदनाम करने की साजिश CM मान ने अमृतसर एयरपोर्ट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि डिपोर्ट होकर आ रहे सभी भारतीयों के रहने, खाने और उन्हें घर तक छोड़ने की सारी व्यवस्था पंजाब सरकार ने कर दी है। पंजाब का जो व्यक्ति जहां का होगा, उसे वहां तक छोड़ा जाएगा। हरियाणा के लोगों को भी छोड़ देंगे। बाकियों को दिल्ली भेजा जाएगा। अमृतसर में विमान की लैंडिंग पर मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस पवित्र शहर को डिटेंशन सेंटर न बनाया जाए। केंद्र सरकार से इसी बात का ऐतराज किया जा रहा है कि आपके पास और भी एयरपोर्ट व एयरबेस हैं, इस तरह के जहाजों को वहां क्यों नहीं उतारते? केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्‌टू ने कहा- भगवंत मान बताएं कि पंजाब को कैसे बदनाम किया? जो बेड़ियों और हथकड़ियों का वीडियो वायरल हो रहा है, वह एक फिल्म का सीन है। पहली बार सैन्य विमान से भारतीयों को डिपोर्ट किया गया भारतीय अप्रवासियों को डिपोर्ट करने वाला पिछला अमेरिकी सैन्य विमान 4 फरवरी को सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ था। यह पहली बार था जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया। इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि अमेरिका ने डिपोर्टेशन के लिए कुल 205 अवैध भारतीयों की पहचान की है। अमेरिका में करीब 7 लाख अवैध भारतीय प्रवासी प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारतीय हैं। यह मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे ज्यादा हैं। अमेरिका में अवैध प्रवासियों से डील करने वाली सरकारी संस्था (ICE) के मुताबिक पिछले 3 सालों में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में औसतन 90 हजार भारतीय नागरिकों को पकड़ा है। इन अप्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आ रहा है। अवैध अप्रवासियों को क्यों निकाल रहे ट्रम्प ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करके अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन करने का ऐलान किया था। ट्रम्प ने चुनाव कैंपेन में भी अवैध अप्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया था। उन्होंने अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन करने को कहा था। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अमेरिका में अवैध तरीके से घुसकर अपराध करते हैं। यहां नौकरियों के बड़े हिस्से पर अप्रवासियों का कब्जा है, इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी नहीं मिलती। ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले कानून ‘लैकेन रिले एक्ट’ पर साइन किए। इस कानून के तहत फेडरल अधिकारियों को उन अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेकर डिपोर्ट करने का अधिकार है, जो किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे ह

Feb 16, 2025 - 04:34
 106  501.8k
अमृतसर में अमेरिकी सेना का दूसरा प्लेन लैंड,116 भारतीय लौटे:पंजाब के 67, हरियाणा के 33 लोग, ज्यादातर 18 से 30 साल की उम्र के

अमृतसर में अमेरिकी सेना का दूसरा प्लेन लैंड, 116 भारतीय लौटे: पंजाब के 67, हरियाणा के 33 लोग, ज्यादातर 18 से 30 साल की उम्र के

Kharchaa Pani

लेखक: सुमिता शर्मा, टीम नेटा-नागरी

परिचय

अमृतसर में मंगलवार को अमेरिकी सेना का दूसरा प्लेन लैंड हुआ, जिसमें कुल 116 भारतीय नागरिक लौटे। इनमें से पंजाब के 67 और हरियाणा के 33 लोग शामिल हैं। इस उड़ान में शामिल अधिकांश लोग 18 से 30 वर्ष की आयु वर्ग के हैं। यह दिशा में पहले से आए कई भारतीयों की वापसी का हिस्सा है, जिनकी मदद अमेरिका ने अफगानिस्तान से निकासी के दौरान की थी।

भारतीय नागरिकों की वापसी

इस विशेष फ्लाइट के जरिए अमेरिका द्वारा भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी का कार्य तेजी से जारी है। मंगलवार को लौटे लोगों में से अधिकांश युवा हैं, जो किसी न किसी कारण से पिछले कुछ समय से विदेश में थे। वे कई प्रकार की परिस्थितियों से गुजरते हुए सुखदायी और सुरक्षित वापसी की ओर अग्रसर हुए हैं।

स्थानीय प्रशासन की तत्परता

सूत्रों के अनुसार, अमृतसर के एयरपोर्ट पर स्थानीय प्रशासन ने हर संभव सुविधा मुहैया कराई। आवश्यक प्रोटोकॉल के अनुसार, सभी यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उन्हें घर वापस पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की गई। इस प्रक्रिया में स्थानीय सरकार ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।

नवजवानों की उत्सुकता

लौटे हुए युवाओं ने बताया कि वे अमेरिका में विभिन्न कारणों से गए थे, जैसे शिक्षा, रोजगार और अधिक। कई युवाओं ने यहां तक कहा कि उनकी यात्रा ने उन्हें एक नई दृष्टि दी, और अब वे अपने देश में अपनी प्रतिभा को और आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।

समाज में चर्चा

इस वाकये ने पंजाब-हरियाणा में लोगों के बीच सकारात्मक चर्चा का माहौल बनाया है। नागरिकों ने इस कदम को सराहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विदेश में फंसे भारतीयों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

निष्कर्ष

अमृतसर में अमेरिकी सेना द्वारा भारतीय नागरिकों की वापसी ने यह संकेत दिया है कि भारतीय मूल के नागरिकों के प्रति संवेदनशीलता और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में, जब भारत अपने नागरिकों को बाहर से वापस लाने के लिए सब कुछ कर रहा है, यह कदम निस्संदेह देशवासियों को एक सकारात्मक संदेश देता है।

Keywords

Indian citizens return, Amritsar flights, US army plane landing, Punjab Haryana news, youth return India, repatriation efforts, safety and security measures, local administration involvement.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow