यूके एसएसएससी: असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन का निलंबन, दो पुलिसकर्मियों को भी हटाया गया

UKSSSC : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूके एसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर सेंटर से बाहर भेजने के मामले में हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने परीक्षा केन्द्र आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट में ड्यूटी पर तैनात रहे दो पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित […] The post UKSSSC : असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन निलंबित,एक दरोगा सहित दो पुलिसकर्मी भी हटाए गए appeared first on Page Three.

Sep 26, 2025 - 00:34
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यूके एसएसएससी: असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन का निलंबन, दो पुलिसकर्मियों को भी हटाया गया

यूके एसएसएससी में बड़ा कदम: असिस्टेंट प्रोफेसर व पुलिसकर्मियों का निलंबन

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूके एसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर सेंटर से बाहर भेजने के मामले में हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। इस घटना ने केवल परीक्षा की सुरक्षा पर सवाल खड़े किया है, बल्कि संबंधित अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी का संकेत है।

क्या है मामला?

हरिद्वार में आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट, में आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान पेपर सेंटर से बाहर भेजे जाने की घटना सामने आई। यह मामला गंभीरता से लिया गया है और जांच में पता चला है कि इस कृत्य में शामिल रहे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

निलंबन की कार्रवाई

पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने अपनी जांच के बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया। इन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी परीक्षा के दौरान उस कॉलेज में थी, जहां पेपर सेंटर से बाहर भेजा गया था। इसके अलावा, एक असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन भी इस मामले में संलिप्त पाए गए और उन्हें भी निलंबित कर दिया गया। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन परीक्षा की निष्पक्षता को बनाए रखने के प्रति गंभीर है।

भविष्य की कार्रवाई

यूके एसएसएससी ने इस प्रकरण की गहन जांच कराने का निर्णय लिया है। जल्द ही रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें आगे की कार्रवाई के लिए सिफारिशें की जाएंगी। इस जांच के परिणाम के आधार पर अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

प्रश्नपत्र लीक के मामलों की बढ़ती संख्या

यह मामला केवल एक अलग घटना नहीं है, बल्कि यह जनमानस में परीक्षा प्रणाली के प्रति बढ़ती अनिश्चितता को भी दर्शाता है। हाल के वर्षों में, भारत में कई परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाएं आम हो गई हैं। ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों के लिए चिंताजनक है।

निष्कर्ष

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा प्रणाली को सुरक्षित रखने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, समय-समय पर इस प्रकार की घटनाएं हमें सतर्क करती हैं कि सामाजिक और राजनीतिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों को भी अपनी प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।

अंत में, उम्मीद करते हैं कि इस तरह की कार्रवाई से भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोका जा सकेगा और उत्तराखंड की विद्यार्थियों को एक सुरक्षित और निष्पक्ष परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।

और अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारे पोर्टल https://kharchaapani.com पर जाएं।

सादर,
टीम खर्चा पानी
(आपकी रिपोर्टर दीपिका)

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