मनोज कुमार का पार्थिव शरीर श्मशान घाट लाया गया:कुछ देर में राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार
एक्टर-डायरेक्टर मनोज कुमार का राजकीय सम्मान के साथ आज अंतिम संस्कार किया जा रहा है। मुंबई में जुहू स्थित पवनहंस श्मशान घाट पर उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर लाया गया है। यहां उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। कुछ देर में उन्हें मुखाग्नि दी जाएगी। बता दें कि शुक्रवार को मनोज कुमार का निधन हो गया था। मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। देशभक्ति की फिल्में बनाने के कारण उन्हें भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता है।

मनोज कुमार का पार्थिव शरीर श्मशान घाट लाया गया: कुछ देर में राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार
Kharchaa Pani
टीम नेतानागरी द्वारा रिपोर्ट
परिचय
प्रसिद्ध अभिनेता मनोज कुमार का पार्थिव शरीर आज सुबह भव्य श्रद्धांजलि के लिए श्मशान घाट लाया गया। हिंदी सिनेमा के इस प्रतिष्ठित चेहरा ने न केवल फिल्म उद्योग में अपनी पहचान बनाई, बल्कि देश की संस्कृति को भी बड़ी प्रेरणा दी। उनका अंतिम संस्कार आज राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा, जिसके लिए सभी तैयारियाँ पूरी की जा रही हैं।
मनोज कुमार का जीवन और करियर
मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को हुआ था, और उन्होंने अनेक सुपरहिट फिल्में दी हैं, जैसे कि 'हॉलीडे इन', 'रोटी कपड़ा और मकान', और 'पूरबी और पश्चिमी'। उन्हें न केवल एक अभिनेता के रूप में, बल्कि एक निर्माता और निर्देशन में भी अपनी खास जगह मिली। उनके द्वारा बनाई गई फिल्मों ने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया, जो कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने।
अंतिम विदाई की तैयारियाँ
आज सुबह उनका शव उनके निवास स्थान से श्मशान घाट ले जाया गया। इस मौके पर उनके परिवार, करीबी मित्र, और सिनेमा जगत के अनेक लोग उपस्थित हैं। मनोज कुमार के अंतिम संस्कार के लिए राजकीय सम्मान की सारी तैयारियाँ पूरी की गई हैं। यह उनके अनुयायियों और प्रदर्शनी के प्रशंसकों के लिए एक बड़ा क्षण है। शोकाकुल माहौल में, सब उनकी यादों में खोए हुए हैं।
एक संकेत के रूप में अंतिम विदाई
मनोज कुमार की अंतिम विदाई केवल एक व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि उन सभी उनकी फिल्मों के प्रशंसकों के लिए है जिन्होंने उनके कार्यों से प्रेरणा ली। उनका योगदान केवल सिनेमा तक सीमित नहीं था, बल्कि समाज की जड़ों से भी जुड़ा हुआ था। आज का कार्यक्रम इसे रेखांकित करता है कि कैसे एक कलाकार अपने काम और विचारों के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी पहचान बना सकता है।
निष्कर्ष
मनोज कुमार का जीवन और उनकी फिल्मों ने हमें हमेशा शक्ति और उठान का संदेश दिया। आज उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा, जो उनकी उपलब्धियों और उनके प्रति समाज के प्यार की एक अद्भुत मिसाल है। वे हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।
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