धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन में सुधार लाने के लिए विशेषज्ञ करेंगे सर्वेक्षण, आयुक्त होंगे नोडल अधिकारी

हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुई भगदड़ की घटना के बाद प्रमुख मंदिरों,... The post प्रमुख धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन को सर्वेक्षण करेंगे विशेषज्ञ, दोनों मंडलों में आयुक्त होंगे नोडल अधिकारी first appeared on Newz Studio.

Jul 30, 2025 - 18:34
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धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन में सुधार लाने के लिए विशेषज्ञ करेंगे सर्वेक्षण, आयुक्त होंगे नोडल अधिकारी

धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन में सुधार लाने के लिए विशेषज्ञ करेंगे सर्वेक्षण, आयुक्त होंगे नोडल अधिकारी

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कम शब्दों में कहें तो, हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हाल ही में हुई भगदड़ की घटना के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन के उपायों को प्रभावी करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। यह टीम विभिन्न मंदिरों का सर्वेक्षण करेगी, जिसमें आयुक्त नोडल अधिकारियों की भूमिका निभाएंगे।

भीड़ प्रबंधन की आवश्यकता

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि राज्य के सभी धार्मिक स्थलों की पहचान की जाएगी, जहां उत्सवों या विशेष अवसरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगने की संभावना होती है। प्रशासन की यह पहल इस संभावित भगदड़ को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की दिशा में है। इस सर्वेक्षण के माध्यम से, विशेषज्ञ भीड़ प्रबंधन नीतियों का लक्ष्य स्थापित करेंगे, ताकि भविष्य में ऐसी अप्रिय स्थितियों से बचा जा सके।

सर्वेक्षण की प्रक्रिया

विशेषज्ञों की टीम प्रमुख मंदिरों का सर्वेक्षण करेगी। इनमें मनसा देवी, चंडी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरी जैसे धार्मिक स्थल शामिल हैं। सर्वेक्षण के दौरान, भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और अन्य तकनीकी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। प्रशासन इस डेटा का उपयोग कर एक व्यापक कार्य योजना तैयार करेगा, जिसमें हर स्थल के लिए विशेष मार्ग और ट्रैफिक सर्कुलेशन प्लान में आवश्यक सुधार शामिल होंगे।

सुरक्षा और तकनीकी उपाय

मुख्य सचिव ने सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकी उपायों को लागू करने की आवश्यकता को भी बताया। इसके अंतर्गत, जब किसी धार्मिक स्थल पर भीड़ बढ़ने की संभावना हो, तो श्रद्धालुओं को पहले से निर्धारित स्थान पर रोका जाएगा। इसके अलावा, रास्तों पर अवैध कब्जे हटाने के लिए सख्त अभियान भी चलाया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

स्थानीय सहयोग की भूमिका

इस प्रक्रिया में स्थानीय प्रशासन और विभिन्न हितधारकों का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। विशेषज्ञों की टीम स्थानीय स्तर पर सभी का संयुक्त प्रयास लेकर सर्वेक्षण को और बढ़ावा देगी। इस पहल से न केवल भीड़ प्रबंधन के उपाय लागू होंगे बल्कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। इससे श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुखद अनुभव मिलेगा।

अगले कदम

आगामी चरण में, सभी अधिकारियों और विशेषज्ञों का एकत्रित प्रयास सुनिश्चित करेगा कि हरिद्वार और पूरे राज्य के धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा मानक बढ़ाए जा सकें। इस प्रकार, प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्रमुखता देना और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकना है।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए इस कदम का उद्देश्य धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। सर्वेक्षण के परिणामों के आधार पर ही आगे की योजना बनाई जाएगी।

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सादर, टीम खर्चा पानी - सुमन रावत

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