टॉप-10 कंपनियों में से 5 की मार्केट-वैल्यू ₹84,559 करोड़ बढ़ी:HUL टॉप गेनर रही; इसका मार्केट कैप ₹28,700 करोड़ बढ़कर ₹5.56 लाख करोड़ हुआ

पिछले हफ्ते के कारोबार में देश की टॉप-10 कंपनियों में से 5 का कंबाइन मार्केट कैपिटलाइजेशन 84,559 करोड़ रुपए बढ़ा है। इनमें हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड यानी HUL को पिछले हफ्ते सबसे ज्यादा फायदा हुआ। इसका मार्केट कैप ₹28,700 करोड़ गिरकर ₹5.56 लाख करोड़ पहुंच गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप ₹19,757 करोड़ बढ़कर ₹16.50 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। ITC का मार्केट कैप ₹15,329 करोड़ बढ़कर ₹5.27 लाख करोड़ हो गया है। इसके अलावा बजाज फाइनेंस और भारतीय एयरटेल का मार्केट कैप भी बढ़ा है। वहीं TCS, इंफोसिस, SBI, ICICI बैंक और HDFC बैंक की मार्केट वैल्यू घटी है। पिछले हफ्ते सेंसेक्स 207 अंक गिरा था पिछले हफ्ते सेंसेक्स 207 अंक यानी 0.27% गिरा। निफ्टी में भी बीते सप्ताह 75.9 (0.33%) की गिरावट रही थी। वहीं हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार (11 अप्रैल) को सेंसेक्स 1310 अंक (1.77%) की तेजी के साथ 75,157 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी करीब 429 अंकों की तेजी रही, ये 22,829 के स्तर पर पहुंच गया था। मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है? मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटस नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है। मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां। मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत) मार्केट कैप कैसे काम आता है? किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है। मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है? मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।

Apr 13, 2025 - 16:34
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टॉप-10 कंपनियों में से 5 की मार्केट-वैल्यू ₹84,559 करोड़ बढ़ी:HUL टॉप गेनर रही; इसका मार्केट कैप ₹28,700 करोड़ बढ़कर ₹5.56 लाख करोड़ हुआ

टॉप-10 कंपनियों में से 5 की मार्केट-वैल्यू ₹84,559 करोड़ बढ़ी: HUL टॉप गेनर रही; इसका मार्केट कैप ₹28,700 करोड़ बढ़कर ₹5.56 लाख करोड़ हुआ

Kharchaa Pani

यह लेख टीम नीतानागरी द्वारा लिखा गया है।

परिचय

भारत की शीर्ष कंपनियाँ आजकल पूंजी बाजार में अपना जादू बिखेर रही हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट जारी हुई है जिसमें सामने आया है कि टॉप-10 कंपनियों में से 5 की मार्केट वैल्यू में ₹84,559 करोड़ की वृद्धि हुई है। इस रिपोर्ट का केंद्रबिंदु है हिंडुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL), जिसने शीर्ष गेनर के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

HUL का मार्केट कैप

HUL का मार्केट कैप अब ₹28,700 करोड़ और बढ़कर ₹5.56 लाख करोड़ हो गया है। इस वृद्धि ने न केवल कंपनी की स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि निवेशकों के मन में भी विश्वास बढ़ाया है। केवल HUL ही नहीं, बल्कि अन्य कंपनियों ने भी अपने मार्केट कैप में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।

अन्य कंपनियों की स्थिति

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में अन्य चार कंपनियों ने भी मार्केट वैल्यू में उछाल देखा है। इसमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, और इंफोसिस जैसी प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं। इन कंपनियों ने टॉप-10 आदेश की नींव को और मजबूत किया है, और भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर को भी बढ़ावा दिया है।

निवेशकों की रुचि और भावनाएँ

निवेशकों के बीच बाजार के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बना हुआ है। HUL की बढ़ती लोकप्रियता और इसके आर्थिक प्रदर्शन ने इसे निवेश का एक सुरक्षित विकल्प बना दिया है। इसके साथ ही, अन्य कंपनियों में भी निवेशकों की रुचि के कारण उनके शेयर की कीमतों में भी अच्छी वृद्धि देखने को मिली है।

बाजार का भविष्य

शेयर बाजार में ऐसी वृद्धि दर्शाती है कि आने वाले समय में कंपनियाँ एवं निवेशक दोनों ही बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। HUL जैसे कंपनियों के साथ, जो ब्रांडिंग और विपणन में माहिर हैं, संभावनाएँ उज्ज्वल हैं। इससे न केवल बाजार स्थिर रहेगा, बल्कि निवेशकों को भी अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं।

निष्कर्ष

मार्केट वैल्यू में यह वृद्धि भारत की आर्थिक वृद्धि का संकेत है। HUL का प्रदर्शन अन्य कंपनियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकता है। निवेशकों को समझदारी से निवेश करने के लिए तैयार रहना चाहिए और बाजार की चढ़ाई पर नजर रखनी चाहिए।

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