अनंत अंबानी ने 170 किमी की पदयात्रा पूरी की:भगवान द्वारकाधीश का आभार व्यक्त किया, पत्नी राधिका मर्चेंट और मां नीता अंबानी भी पहुंची

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरपर्सन मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने रविवार को अपनी 170 किमी की पदयात्रा पूरी की। अनंत तड़के श्री द्वारकाधीश मंदिर पहुंचे। अपनी यात्रा के समापन पर अनंत अंबानी ने भगवान द्वारकाधीश के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘ यह मेरी अपनी आध्यात्मिक यात्रा है। मैंने इसे भगवान का नाम लेकर शुरू किया था और उनका नाम लेकर ही इसे समाप्त करूंगा। मैं भगवान द्वारकाधीश को धन्यवाद देना चाहता हूं।’ 10 अप्रैल को अनंत अंबानी का जन्मदिन है। अनंत अपना 30वां जन्मदिन द्वारका में ही मनाएंगे। अनंत ने अपनी यात्रा 28 मार्च को जामनगर के मोती खावड़ी से शुरू की थी। लोगों को ट्रैफिक और सिक्योरिटी के चलते मुश्किल से बचाने के लिए अनंत ज्यादातर रात में यात्रा करते थे। पदयात्रा के अंतिम दिन अनंत अंबानी के साथ उनकी पत्नी राधिका मर्चेंट और मां नीता अंबानी भी शामिल हुईं। नीता अंबानी - एक मां के लिए यह बहुत गर्व की बात नीता अंबानी ने अपने बेटे की इस आध्यात्मिक यात्रा पर कहा, ‘एक मां के लिए यह बहुत गर्व की बात है। मेरा बेटा अनंत द्वारकाधीश के इस पवित्र स्थान तक अपनी पदयात्रा पूरी करने में सफल रहा।’ अनंत ने अपनी यात्रा कई स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद पूरी की। उन्हें कशिंग सिंड्रोम (Cushing's Syndrome), मोटापा, अस्थमा और सांस लेने में कठिनाई जैसी तकलीफ है। यात्रा के दौरान उन्होंने हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और देवी स्तोत्र का भी जाप किया था। अनंत अंबानी की पैदल यात्रा की तस्वीरें देखें... यात्रा के दौरान मुर्गियों की गाड़ी रुकवाई और आजाद किया अनंत की यात्रा के दौरान मुर्गियों से भरी गाड़ी निकल रही थी। इसमें 250 मुर्गियां थीं, जिन्हें बूचड़खाने ले जाया जा रहा था। अनंत ने अपने कर्मचारियों से वाहन को रुकवाने को कहा। अनंत ने वाहन मालिक और ड्राइवर से बात की। अनंत ने उन्हें मुर्गियों की दोगुनी कीमत दी और मुर्गियों को आजाद कर दिया। इसके बाद अनंत मुर्गी को हाथ में लेकर चलते भी दिखे। उन्होंने जय द्वारकाधीश का नारा भी लगाया। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए वनतारा चलाते हैं अनंत अनंत अंबानी ने पिछले साल राधिका मर्चेंट के साथ शादी की थी। फिलहाल वे अपने वन्यजीव संरक्षण से जुड़े वनतारा के लिए सुर्खियों में है। केंद्र सरकार ने 27 फरवरी को वनतारा को पशु कल्याण में देश के सर्वोच्च सम्मान प्राणी मित्र राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वनतारा अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह वन्यजीव बचाव, पुनर्वास और संरक्षण केंद्र है। यह 2000 से ज्यादा प्रजातियों और 1.5 लाख से ज्यादा बचाए गए लुप्तप्राय और संकटग्रस्त जानवरों का घर है। ------------------- ये खबर पढ़ें... अनंत अंबानी ने बूचड़खाने जा रही 250 मुर्गियां बचाईं: दोगुनी कीमत दी, मुर्गी लेकर चलते दिखे; जामनगर से द्वारका तक 140 किमी पैदल यात्रा रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरपर्सन मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी 140 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं। वे जामनगर से द्वारका जा रहे है। मंगलवार को (1 अप्रैल) पदयात्रा का पांचवां दिन है। वे 50 किमी की दूरी तय कर सोनारडी गांव के पाटिया पहुंच चुके हैं।

Apr 6, 2025 - 11:34
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अनंत अंबानी ने 170 किमी की पदयात्रा पूरी की:भगवान द्वारकाधीश का आभार व्यक्त किया, पत्नी राधिका मर्चेंट और मां नीता अंबानी भी पहुंची

अनंत अंबानी ने 170 किमी की पदयात्रा पूरी की: भगवान द्वारकाधीश का आभार व्यक्त किया, पत्नी राधिका मर्चेंट और मां नीता अंबानी भी पहुंची

Kharchaa Pani - पिछले हफ्ते, अनंत अंबानी ने एक महत्वपूर्ण और भावुक यात्रा को पूरा किया जब उन्होंने 170 किमी की पदयात्रा की। इस दौरान उन्होंने द्वारका के भगवान द्वारकाधीश का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी राधिका मर्चेंट और मां नीता अंबानी भी उनके साथ रहीं। यह यात्रा न सिर्फ एक व्यक्तिगत कर्मकांड थी, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और श्रद्धा का प्रतीक भी थी।

यात्रा का उद्देश्य

अनंत अंबानी ने यह पदयात्रा भगवान द्वारकाधीश के प्रति अपनी श्रद्धा और आभार व्यक्त करने के लिए की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उनके लिए एक आध्यात्मिक अनुभव थी। इस यात्रा के दौरान उन्हें अनेक भक्तों का आशीर्वाद मिला, जिसने उनके विश्वास को और मजबूत किया।

परिवार का साथ

इस यात्रा में अनंत की पत्नी राधिका मर्चेंट और मां नीता अंबानी भी उनके साथ थीं, जिन्होंने इस दौरान उनकी प्रेरणा बनीं। राधिका ने यात्रा के दौरान अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा कि यह अनुभव अद्भुत था और उन्होंने भगवान के प्रति अपनी आस्था को और गहरा किया।

सांस्कृतिक महत्व

भगवान द्वारकाधीश की पूजा केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। Dwarka, जो कि भगवान कृष्ण का जन्म स्थान माना जाता है, हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। अनंत अंबानी की इस यात्रा से यह भी पता चलता है कि भव्यता और धनी परिवार होने के बावजूद, आध्यात्मिकता का महत्व सबके लिए बराबर है।

प्रतिस्पर्धा की भावना

अनंत ने अपने पिता मुकेश अंबानी और पूरे परिवार को भी इस यात्रा के बाद श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सिर्फ व्यक्तिगत नहीं थी, बल्कि उनके परिवार की एकजुटता और सांस्कृतिक धारणा का प्रतीक है।

निष्कर्ष

अनंत अंबानी की इस 170 किमी की पदयात्रा ने यह दिखाया कि साधारण चीज़ों में भी गहराई होती है। यह यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत विकास का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी संस्कृति और धर्म को अपने जीवन में महत्वपूर्ण स्थान दे सकता है। चलिये, हम भी उनकी इस प्रेरणा से प्रेरित होकर अपनी संस्कृति को समझें और उसका आदर करें।

अंत में, यह यात्रा उन सभी के लिए एक संदेश है कि हमें अपनी आस्था और संस्कृति को सहेजने की आवश्यकता है।

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