Uttarakhand:-मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने माला ग्राम,यमकेश्वर में आयोजित ‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’में वर्चुअल रूप से किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को माला ग्राम,यमकेश्वर में आयोजित‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया। उन्होंने सभी को ‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यमकेश्वर के माला ग्राम में स्थापित‘हर्बल वर्ल्ड हिमालय श्री धन्वंतरि धाम’आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का पूरे विश्व में एकमात्र समग्र केंद्र है। यह धाम भारत की […] The post Uttarakhand:-मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने माला ग्राम,यमकेश्वर में आयोजित ‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’में वर्चुअल रूप से किया प्रतिभाग appeared first on संवाद जान्हवी.


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को माला ग्राम,यमकेश्वर में आयोजित‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया। उन्होंने सभी को ‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यमकेश्वर के माला ग्राम में स्थापित‘हर्बल वर्ल्ड हिमालय श्री धन्वंतरि धाम’आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का पूरे विश्व में एकमात्र समग्र केंद्र है। यह धाम भारत की “आरोग्य संस्कृति”का जीवंत स्वरूप होगा,जहां हमारे महान ऋषि-मुनियों द्वारा स्थापित स्वास्थ्य सिद्धांतों के साथ-साथ वनस्पति विज्ञान आधारित 09 प्रमुख चिकित्सा पद्धतियों और विश्व की लगभग 964 चिकित्सा विधाओं का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह पवित्र स्थल आयुर्वेद,योग,औषधीय वनस्पतियों और समग्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपयोगी होने के साथ ही प्राकर्तिक चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार,अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद के समग्र दृष्टिकोण के कारण आज इसकी स्वीकार्यता लगातार बढ़ती जा रही है। आयुर्वेद हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों रूप से स्वस्थ बनाता है। उत्तराखंड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे पर्वतीय अंचल में पाई जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सकीय पद्धतियों को बढ़ावा देने और लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से आयुष मंत्रालय की स्थापना की गई। जिसके अंतर्गत ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन’और‘प्रकृति परीक्षण अभियान’जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आज जहां एक ओर नागरिकों में स्वास्थ्य और आरोग्य स्थापित किया जा रहा है,वहीं आयुर्वेद,योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान,प्रशिक्षण और नवाचार को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में आयुष आधारित 300 से अधिक आयुष्मान आरोग्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में 50 और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना भी की जा रही है। प्रदेश में आयुष नीति को लागू कर औषधि निर्माण,वेलनेस,शिक्षा,शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन एवं संवर्धन के लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन सेवाओं की शुरुआत करने के साथ-साथ 50 नए योग और वेलनेस केंद्रों की स्थापना करने दिशा में भी कार्य कर रही है। प्रदेश में योग,ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान भी किया है। प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा,योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना की जा रही है।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण,कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत,पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक,स्वामी रामदेव,आचार्य बालकृष्ण,बाबा हटयोगी उपस्थित थे।
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