संसद में उठी आवाज: उत्तराखंड के दूरदराज क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित घरेलू विद्युतीकरण की आवश्यकता

हरिद्वार लोकसभा सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को लोकसभा के मानसून सत्र में एक महत्वपूर्ण प्रश्न के माध्यम से उत्तराखंड के दूरदराज़ के क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित घरेलू विद्युतीकरण की वर्तमान स्थिति पर केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। सांसद श्री रावत ने जानना चाहा कि क्या उत्तराखंड […] The post Parliament Monsoon Session:-उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित घरेलू विद्युतीकरण के लिए सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने संसद में उठाई आवाज appeared first on संवाद जान्हवी.

Jul 30, 2025 - 18:34
 117  501.8k
संसद में उठी आवाज: उत्तराखंड के दूरदराज क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित घरेलू विद्युतीकरण की आवश्यकता

संसद में उठी आवाज: उत्तराखंड के दूरदराज क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित घरेलू विद्युतीकरण की आवश्यकता

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Kharchaa Pani

संसद में कार्रवाई का आह्वान

बुधवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान हरिद्वार के सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया। उन्होंने उत्तराखंड के दूरदराज क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित घरेलू विद्युतीकरण की वर्तमान स्थिति पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। यह प्रश्न विशेष रूप से उन समग्रता में स्थितियों की ओर इंगित करता है जहां बिजली पहुंचाने के प्रयास हमेशा सफल नहीं हो पाते हैं।

त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण प्रश्न

अपने वक्तव्य में, श्री रावत ने उत्तराखंड में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के संबंध में कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए। उन्होंने पूछा कि क्या इस उद्देश्य के लिए कोई चल रही योजना मौजूद है और क्या हरिद्वार जिले में उन घरों की पहचान के लिए कोई सर्वेक्षण किया गया है जो इन पहलों से लाभान्वित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लाभार्थियों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने के उपायों और कार्यक्रमों में भाग लेने वाले लोगों के लिए शिकायत निवारण तंत्र के प्रभावी होने के बारे में भी जानकारी मांगी।

सरकार की तरफ से जवाब

श्री रावत के प्रश्नों का जवाब देते हुए, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने पुष्टि की कि केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सौर ऊर्जा पहलों को सक्रियता से आगे बढ़ा रही है। इनमें प्रधानमंत्री आदिवासी कल्याण अभियान और धन्वन्तरी आदिवासी गांव विकास योजना शामिल हैं।

उन्होंने इन योजनाओं के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, यह बताते हुए कि सरकार एक लाख बिना बिजली वाले घरों को ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा प्रणालियों के माध्यम से विद्युतीकरण करने का संकल्प लेकर चल रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक ग्रिड कनेक्टिविटी संभव नहीं है। उत्तराखंड को भी इन पहलों में शामिल किया गया है। हरिद्वार के संदर्भ में, उन्होंने उल्लेख किया कि जब राज्य सरकार और जिला प्रशासन आवश्यक सर्वेक्षण करेंगे, तो वे केंद्रीय सरकार को योग्य लाभार्थियों की पहचान के लिए प्रस्ताव भेजेंगे।

ऊर्जा समानता के लिए एक अभियान

रावत ने केंद्रीय मंत्री को इन पहलों को साझा करने के लिए धन्यवाद दिया और इस बात पर जोर दिया कि यह केवल एक योजना नहीं बल्कि उन सभी घरों में ऊर्जा पहुंचाने के लिए एक अभियान है जो इसकी कमी झेल रहे हैं। उनकी यह उत्साहवर्धक प्रवृत्ति यह दर्शाती है कि दूरदराज की क्षेत्रों में ऊर्जा पहुंचाने की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत जैसे सौर ऊर्जा उन क्षमताओं को अनलॉक करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने की कुंजी बने हुए हैं।

निष्कर्ष: आगे का रास्ता

जलवायु परिवर्तन और स्थायी विकास के वैश्विक महत्व के बीच, सौर ऊर्जा को नवीकरणीय संसाधन के रूप में मान्यता देना अधिक आवश्यक है। यह पहल न केवल ऊर्जा गरीबी का समाधान है बल्कि सततता के व्यापक लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसे-जैसे संसद में चर्चाएं जारी हैं, आशा है कि सरकार इन योजनाओं को तेजी से लागू करेगी ताकि उत्तराखंड के दूरदराज क्षेत्रों में प्रत्येक घर तक बिजली पहुंच सके।

जानकारी के लिए और अपडेट्स के लिए, विजिट करें kharchaapani.com. टीम खर्चा पानी स्वाति

कीवर्ड्स:

Parliament Monsoon Session, Uttarakhand, Trivendra Singh Rawat, solar energy, domestic electrification, renewable energy, Haridwar, electricity access, remote areas, government initiatives

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow