रामायण से सीखें सुखी और सफल जीवन के सूत्र:आज हनुमान प्रकट उत्सव : राम ने हनुमान को लक्ष्मण से भी प्रिय क्यों कहा? हनुमान ने अंगद को क्या सीख दी?

आज (12 अप्रैल) हनुमान प्रकट उत्सव है। इस पर्व पर हनुमान पूजन के साथ ही उनकी कथाएं पढ़ने-सुनने की परंपरा है। हनुमान जी की कथाओं की सीख को जीवन में उतार लेंगे तो आपकी सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। यहां जानिए हनुमान से जुड़े 5 किस्से और उनकी सीख...

Apr 12, 2025 - 08:34
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रामायण से सीखें सुखी और सफल जीवन के सूत्र:आज हनुमान प्रकट उत्सव : राम ने हनुमान को लक्ष्मण से भी प्रिय क्यों कहा? हनुमान ने अंगद को क्या सीख दी?
आज (12 अप्रैल) हनुमान प्रकट उत्सव है। इस पर्व पर हनुमान पूजन के साथ ही उनकी कथाएं पढ़ने-सुनने की परंप

रामायण से सीखें सुखी और सफल जीवन के सूत्र: आज हनुमान प्रकट उत्सव

Kharchaa Pani

रामायण भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें न केवल धार्मिक शिक्षाएं हैं बल्कि जीवन का मूल्य भी छिपा हुआ है। आज हनुमान प्रकट उत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर हम जानेंगे कि राम ने हनुमान को लक्ष्मण से भी प्रिय क्यों कहा और हनुमान ने अंगद को क्या सीख दी।

हनुमान जी की विशेषता

हनुमान जी को भगवान राम का परम भक्त माना जाता है। उनकी भक्ति, साहस और शक्ति के कारण उन्हें "मारुति" का नाम भी दिया गया है। जब राम जी को अपने कार्यों के लिए एक नायक की आवश्यकता थी, तो उन्होंने हनुमान जी का चयन किया। उनकी भक्ति ने रामायण में कई महत्वपूर्ण मोड़ बनाए।

राम का हनुमान से प्रेम

राम ने हनुमान को लक्ष्मण से भी प्रिय इसलिए कहा क्योंकि हनुमान जी ने हमेशा राम की सेवा की है और उनके मार्ग में आने वाली हर बाधा को दूर किया है। हनुमान जी की निष्ठा और समर्पण ने उन्हें राम के दिल का एक विशेष स्थान दिलाया। जब राम ने सीता जी का अपहरण किया था, तब हनुमान जी ने उनकी खोज में अपनी जान की परवाह किए बिना कार्य किया। इस प्रकार, हनुमान जी का समर्पण अटल और अद्वितीय है।

अंगद जी को दी गई सीख

हनुमान जी ने अंगद को यह महत्वपूर्ण सीख दी कि विश्वास और निष्ठा किसी भी कार्य का मूलमंत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि सफलता की कोई भी सीढ़ी विश्वास के बिना नहीं चढ़ी जा सकती। इस सिखने से अंगद को अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ रहना और कठिनाईयों का सामना करने में सहायता मिली।

सुखी और सफल जीवन के सूत्र

रामायण से कई शिक्षाएं मिलती हैं जो हमें सुखी और सफल जीवन जीने में मदद कर सकती हैं। आत्मविश्वास, भक्ति, निष्ठा, और संघर्ष का महत्व ही इस जीवन का सारांश है। हम जब भी कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो हनुमान जी का ध्यान करना हमारे अंदर की शक्तियों को जागरूक करता है।

संदेश और उपसंहार

हनुमान प्रकट उत्सव के दिन हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपनी जीवन में रामायण के सीखों को उतारेंगे। यही है असली भक्ति और संतोष का मार्ग। रामायण हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति और निष्ठा के साथ जीने पर ही एक सुखद और सफल जीवन की प्राप्ति होती है।

इस तरह, हनुमान प्रकट उत्सव हमें प्रेरणा देता है कि हम अपनी भक्ति और निष्ठा को हर कार्य में डालें। जिन परिस्थितियों में हमारे मनोबल को झटका लगे, वहीं हमें हनुमान जी की याद करनी चाहिए।

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