नैनीताल: निर्वाचन आयोग को झटका, हाईकोर्ट ने शक्ति सिंह बर्त्वाल की याचिका पर जारी किया आदेश
नैनीताल :निर्वाचन आयोग को बड़ा झटका, शक्ति सिंह बर्त्वाल की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया आदेश । देहरादून।नगर निकायों और पंचायत दोनों की मतदाताओं सूची में शामिल नाम को लेकर…

नैनीताल: निर्वाचन आयोग को झटका, हाईकोर्ट ने शक्ति सिंह बर्त्वाल की याचिका पर जारी किया आदेश
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कम शब्दों में कहें तो, नैनीताल में हाल ही में निर्वाचन आयोग को एक बड़ा झटका लगा है, जब उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शक्ति सिंह बर्त्वाल की दायर की गई याचिका पर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। यह आदेश नगर निकायों और पंचायतों में मतदाताओं की सूची से संबंधित है। आइए, इस आदेश के महत्व और इसके संभावित प्रभावों पर एक नजर डालते हैं।
याचिका का मुद्दा
शक्ति सिंह बर्त्वाल ने जो याचिका दायर की थी, उसमें यह आरोप लगाया गया था कि अनेक पात्र मतदाता नगर निकायों एवं पंचायतों की मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं। उनका कहना था कि यह पूरा प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी, जिसके कारण कई सही मतदाता अपने मताधिकार से वंचित रह गए। यह एक गंभीर प्रश्न है क्योंकि यह लोकतंत्र की मूल भूत शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
हाईकोर्ट का निर्णय
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बर्त्वाल की याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्णय सुनाया कि निर्वाचन आयोग को दायर याचिका में उठाए गए मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना होगा। अदालत ने आयोग को यह निर्देश दिया कि वह मतदाता सूची की समीक्षा करे और सुनिश्चित करे कि सभी योग्य मतदाता अपने अधिकारों से वंचित न रहें। यह फैसला केवल बर्त्वाल के लिए नहीं, बल्कि सभी उत्तराखंड के मतदाताओं के लिए भी एक नई उम्मीद है।
निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया
निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि वे अदालत के आदेश का पालन करेंगे और उचित कदम उठाने को तैयार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग ने वोटर लिस्ट को कुछ मानदंबतों के अनुसार तैयार किया था। भविष्य में इस निर्णय का क्या असर होगा, यह देखने लायक होगा।
मुख्यमंत्रियों की राय
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस मामले को एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि निर्वाचन आयोग अदालत के आदेश का सम्मान करेगा और उन सभी सक्षम मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल करेगा, जिन्हें पहले नजरअंदाज किया गया था।
निष्कर्ष
यह निर्णय उत्तराखंड में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास को पुनर्स्थापित करता है। हर मतदाता के अधिकारों का सम्मान होना चाहिए, और यह हाईकोर्ट का निर्णय वास्तव में इसी विचार का विस्तार करता है। अब यह देखना है कि निर्वाचन आयोग इस आदेश के बाद क्या कार्रवाई करता है। यह विकास नैनीताल की राजनीति को न केवल प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह जनता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने की दिशा में भी कदम उठाएगा।
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सादर,
टीम खर्चा पानी
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