नेपाल संकट: उत्तराखंड पर हिंसा का असर, रोजाना 50 लाख का व्यापार ठप
खटीमा: Nepal Crisis नेपाल के Gen Z आंदोलन का असर भारतीय सीमा के बाजारों पर भी पड़ा है. उत्तराखंड में नेपाल सीमा से लगे बाजार जो नेपाली ग्राहकों से फलते-फूलते हैं, वो इन दिनों सूने नजर आ रहे हैं. उत्तराखंड के सीमावर्ती इन बाजारों का 90 प्रतिशत व्यापार नेपाल के भरोसे ही चलता है. ऐसे […] The post Nepal Crisis : हिंसा नेपाल में नुकसान उत्तराखंड को, रोजाना 50 लाख का कारोबार ठप appeared first on Page Three.

नेपाल संकट: उत्तराखंड पर हिंसा का असर, रोजाना 50 लाख का व्यापार ठप
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कम शब्दों में कहें तो, नेपाल के Gen Z आंदोलन के कारण भारतीय सीमा पर स्थित उत्तराखंड के बाजारों को भारी नुकसान हुआ है। नेपाल सीमा से सटे बाजार, जो नेपाली ग्राहकों की आमद से जीवित रहते हैं, अब सुने हो गए हैं।
नेपाल संकट का विस्तार
खटीमा, उत्तराखंड: नेपाल में चल रहे वर्तमान आंदोलन का असर अब दूर-दूर तक महसूस किया जा रहा है। खासकर उत्तराखंड के सीमावर्ती बाजार जो मुख्य रूप से नेपाली ग्राहकों पर निर्भर करते हैं, इन दिनों पूरी तरह सूने हैं। यह स्थिति ऐसे वक्त में आई है जब उत्तराखंड के इन बाजारों का लगभग 90 प्रतिशत व्यापार नेपाल पर निर्भर था।
व्यापार पर प्रभाव
सूत्रों के अनुसार, यह संकट प्रतिदिन उत्तराखंड के बाजारों को लगभग 50 लाख रुपये का नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में स्थानीय व्यापारी इस स्थिति से उबरने के लिए उपाय तलाशने को मजबूर हैं। सीमा पर व्यापार का ठप होना उनकी आय पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। इसके चलते स्थानीय लोगों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
नकारात्मक साक्ष्य
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि जब से संकट शुरू हुआ है, तब से नेपाली ग्राहक उनके बाजारों में आना बंद कर चुके हैं। फल-फूल, अनाज से लेकर विभिन्न किस्म के हर तरह के सामान का व्यापार प्रभावित हुआ है। व्यापारी निराशा में हैं और रोजाना अपने नुकसान को देखकर चिंतित हैं।
समाधान की दिशा में कदम
इस स्थिति को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन और व्यापार संघों ने एक बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। यह बैठक यह विचार करने के लिए होगी कि कैसे नेपाल के साथ व्यापार को पुनर्जीवित किया जा सकता है। हर कोई जानता है कि सीमा पर बेहतर सुरक्षा स्थितियों और सही रणनीति से ही व्यापार को फिर से पटरी पर लाया जा सकता है।
आगे की राह
हालांकि, नेपाल की स्थिति की जिम्मेदारी तो प्रशासन की है, लेकिन स्थानीय लोगों को भी एकजुट होकर इस आग्रह और कठिनाई के समय में अपने समुदाय को समर्थन देने की जरूरत है। आने वाले समय में यह देखना है कि प्रशासन कैसे स्थिति को नियंत्रित कर पाता है और व्यापारियों की परेशानियों को कैसे हल करता है।
जल्द ही नेपाल में स्थिरता की उम्मीद की जा रही है, जिससे व्यवसाय फिर से शुरू हो सके। स्थानीय व्यापारी और ग्राहक दोनों को इस समय की जरूरत है कि वो एक-दूसरें के साथ खड़े रहें।
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संपूर्ण आर्टिकल की इस समस्या पर दृष्टि से एक सकारात्मक भविष्य की आशा करते हुए।
— टीम खर्चा पानी, साक्षी।
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