धारी देवी मंदिर पहुंचे सीएम धामी, आपदा के समय मां से मांगी मदद, श्रद्धालु हुए भावुक
देहरादून। प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और आपदा की गंभीर परिस्थितियों के बीच मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी आज पौड़ी जनपद स्थित पावन धारी देवी मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री शनिवार को चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में आपदाग्रस्त क्षेत्रों का जायज़ा लेने के बाद पौड़ी जिले स्थित धारी देवी मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने मां धारी […]

धारी देवी मंदिर पहुंचे सीएम धामी, आपदा के समय मां से मांगी मदद, श्रद्धालु हुए भावुक
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश और आपदाओं के बीच उत्तराखंड की सुरक्षा और कल्याण के लिए मां धारी देवी से आशीर्वाद लिया।
देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और आपदा के गंभीर हालात के बीच मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पौड़ी जनपद के पावन धारी देवी मंदिर का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने मां धारी देवी के चरणों में जाके प्रदेशवासियों के सुख, शांति, स्वास्थ्य और प्राकृतिक आपदाओं से राहत के लिए विशेष पूजा-अर्चना की। शनिवार को उन्होंने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद सीधे धारी देवी मंदिर पहुंचे।
मुख्यमंत्री धामी का कहना था कि "धारी देवी हमारी आराध्य हैं, और मैं इस कठिनाई के समय में उनके दर पर उत्तराखंड की भलाई के लिए प्रार्थना करने आया हूं।" उनके इस भावुक बयान ने वहां उपस्थित श्रद्धालुओं को भी प्रभावित किया। उनका विश्वास था कि मां धारी देवी सुनिश्चित करेंगी कि प्रदेशवासियों को इस संकट से तुरंत राहत मिले।
पूजा-अर्चना के बाद, मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में उपस्थित स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों, तीर्थयात्रियों और मंदिर समिति के सदस्यों से बातचीत की। उन्होंने क्षेत्रीय समस्याओं की जानकारी ली और भरोसा दिया कि राज्य सरकार हर पीड़ित व्यक्ति तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
इस दौरान, श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा प्रबंधन की सराहना की और बताया कि आपदा के बावजूद, सरकार द्वारा किए गए इंतजाम अनुकरणीय हैं। इंदौर से आए श्रद्धालु श्री संतोष पाठक ने मुख्यमंत्री को "हिंदू हृदय सम्राट" की उपाधि दी और कहा कि "आपदा के समय में जो संवेदनशीलता और नेतृत्व क्षमता दिखाई जा रही है, वह प्रेरणादायक है।"
मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर और अलकनंदा नदी के किनारे का निरीक्षण किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि नदी के दोनों किनारों पर भू-कटाव रोकने के लिए ठोस सुरक्षा दीवारों का निर्माण जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि सुरक्षा मानकों से कोई समझौता न हो, और कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि "इस संकट की घड़ी में, राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति के साथ खड़ी है और राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। हमारा उद्दीष्ट है कि हम हर पीड़ित की आवश्यकताओं को समझें और उन्हें सामान्य जीवन की ओर वापस लाने की कोशिश करें।"
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, विधायक आशा नौटियाल (केदारनाथ), विधायक भरत सिंह चौधरी (रुद्रप्रयाग), जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह और अन्य अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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सादर,
टीम खर्चा पानी - निर्मला देवी
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