दून विश्वविद्यालय में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सामूहिक नृत्य का सफल आयोजन

दून विश्वविद्यालय के नशा मुक्ति,सांस्कृतिक प्रकोष्ठ एवं थिएटर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा संचालित “नशा मुक्त भारत अभियान”के अंतर्गत एक भव्य सामूहिक नृत्य कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। इस अवसर पर पचास से अधिक छात्र-छात्राओं ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से नशा मुक्ति का […] The post Dehradun:-दून विश्वविद्यालय में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सामूहिक नृत्य का आयोजन,सामूहिक रूप से लिया गया ‘नशा मुक्त भारत’ का संकल्प appeared first on संवाद जान्हवी.

Aug 24, 2025 - 00:34
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दून विश्वविद्यालय में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सामूहिक नृत्य का सफल आयोजन

दून विश्वविद्यालय में सामूहिक नृत्य के माध्यम से नशा मुक्त भारत का संकल्प

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कम शब्दों में कहें तो, दून विश्वविद्यालय ने नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक भव्य सामूहिक नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें 50 से अधिक छात्रों ने अपने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से नशा मुक्त जीवन का संदेश फैलाया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना था, बल्कि छात्रों के अंदर सामाजिक चेतना का संचार करना भी था।

कार्यक्रम का आयोजन

दून विश्वविद्यालय के नशा मुक्ति, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ एवं थिएटर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित “नशा मुक्त भारत अभियान” की पहल के तहत इस कार्यक्रम को विशेष महत्व दिया गया। छात्रों ने सामूहिक नृत्य और विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से इस मुद्दे की गहनता को उजागर किया, जिसमें भारतीय लोक धरोहर का समावेश भी देखने को मिला।

कुलपति का योगदान

कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा, "आज की युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। सांस्कृतिक गतिविधियाँ, जैसे कि नृत्य और संगीत, केवल हमारे परंपराओं को जीवित नहीं रखते, बल्कि हमारी युवा पीढ़ी को एक सकारात्मक दिशा और मार्गदर्शन भी देते हैं।" उनके बयान ने इस कार्यक्रम की महत्ता को और बढ़ा दिया।

विशेषज्ञों की राय

कार्यक्रम की समन्वयक प्रो. रीना सिंह ने इस अवसर पर कहा, "नशा हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और कला तथा संस्कृति के माध्यम से जब हम ये संदेश युवा मन में डालते हैं, तो उसके प्रभाव की गहराई और भी बढ़ती है।" वहीं, क्रीड़ा अधिकारी डॉ. सुनीत नैथानी ने स्वस्थ शरीर और मन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "खेल और सांस्कृतिक गतिविधियाँ नशे से दूर रहने के लिए अनिवार्य हैं।"

संकल्प और भागीदारी

कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित प्रतिभागियों और अतिथियों ने सामूहिक रूप से "नशा मुक्त भारत" का संकल्प लिया। यह कदम वास्तव में समाज सुधार के दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास था, जिसमें छात्रों ने अपनी भागीदारी से इसे सफल बनाया।

कार्यक्रम में डॉ. चेतन पोखरियाल, डॉ. अजीत पंवार समेत कई अन्य प्राध्यकों और छात्रों ने भी भाग लिया। सभी ने नशा मुक्त मुहिम की सराहना की, जिससे ना केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे समाज में सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद जगी।

निष्कर्ष

इस प्रकार, दून विश्वविद्यालय ने नशा मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर एक सकारात्मक कदम उठाया है। यह कार्यक्रम न केवल छात्रों की जागरूकता को बढ़ाने में सहायक रहा, बल्कि यह भविष्य में अन्य संस्थानों के लिए एक प्रेरणा भी बनेगा। नशा मुक्त जीवन और स्वस्थ समाज के प्रति जागरूकता फैलाना, निश्चित रूप से इस तरह के कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।

इसके साथ ही, इस कार्यक्रम की उपलब्धियों को देखते हुए, इसे आगे और विस्तारित करने की जरूरत महसूस होती है, जिससे और भी युवा इस मुहिम से जुड़ सकें।

यदि आप इस विषय पर और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो कृपया यहां जाएं: खर्चा पानी.

सादर,

टीम खर्चा पानी
शुभांगी तिवारी

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