गंगा की सुरक्षा को लेकर सचिवालय में बैठक: कार्यों को समय पर पूरा करने की दिशा में सख्त निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए किए जा रहे सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया … read more

Aug 2, 2025 - 00:34
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गंगा की सुरक्षा को लेकर सचिवालय में बैठक: कार्यों को समय पर पूरा करने की दिशा में सख्त निर्देश

गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण करें: मुख्य सचिव

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मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें गंगा नदी के संरक्षण और कायाकल्प से संबंधित सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि गंगा न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह लाखों लोगों के जीवन के लिए भी एक प्रमुख स्रोत है।

बैठक में किए गए प्रमुख निर्णय

इस बैठक में मुख्य सचिव ने लिक्विड और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य की सभी जिला गंगा समितियों को नियमित बैठकें करनी चाहिए ताकि प्रगति की सही जानकारी रखी जा सके और कोई भी कार्य ठप न हो।

सीवेज मैनेजमेंट से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने जल निगम के तहत निर्मित होने वाले सीवेज प्लांट्स को शीघ्रता से पूरा करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के निर्माण के लिए गठित समिति की संस्तुति आवश्यक होनी चाहिए, ताकि अंत में कार्य में कोई बाधा न आए। कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तिलवाड़ा एसटीपी के निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, संबंधित जिलाधिकारियों को भूमि हस्तांतरण से संबंधित कार्यों को एक माह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए गए।

गंगा की सहायक नदियों की भूमिका

मुख्य सचिव ने गंगा की सहायक नदियों की फ्लड प्लेन ज़ोनिंग और हाइड्रोलॉजिकल सर्वे में तेजी लाने की भी आवश्यकता जताई। इसके साथ ही, उन्होंने विश्लेषण और प्रगति की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना के निर्देश दिए। बाय प्रोडक्ट के प्रकार के लिए स्लज मैनेजमेंट प्लान को भी तैयार करने की बात कही गई, जो भविष्य में नदियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होगा।

निर्णयों का भविष्य पर प्रभाव

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। गंगा के संरक्षण के लिए उठाए गए ये कदम न केवल नदियों के कायाकल्प हेतु महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सम्पूर्ण राज्य की जल संसाधन प्रबंधन की रणनीतियों को भी प्रभावी बनाएंगे।

सरकार द्वारा उठाए गए यह कदम यह दर्शाते हैं कि यदि हम समय पर कार्य करेंगे, तो न केवल गंगा नदी को पुनर्जीवित किया जा सकता है, बल्कि इसके आसपास के क्षेत्रों को भी प्रदूषण-मुक्त और स्वच्छ बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

अंत में, गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए समयबद्ध कार्यों का संपादन बेहद आवश्यक है। यह राजनीतिक इच्छाशक्ति, नागरिक सक्रियता और वैज्ञानिक तकनीकों के उपयोग से संभव हो सकता है। क्या हमारे पास इतनी संकल्पशक्ति है कि हम गंगा को उसकी प्राचीन गरिमा वापस दिला सकें? यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हम इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेते हैं।

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लेखक: राधिका शर्मा, टीम खर्चापानी

Keywords:

Ganga conservation, river rejuvenation, sewage management, water management, environmental protection, Ganga cleaning initiatives, government efforts, pollution control, sustainable practices

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