उत्तराखंड: भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की दिशा में मुख्यमंत्री धामी का प्रयास, आयोजन में दी गई शपथ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को बल्लीवाला,देहरादून में ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ भी दिलाई। मुख्यमंत्री ने प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने की दिशा […] The post UTTARAKHAND:-‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए सीएम धामी,भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की दिलाई शपथ appeared first on संवाद जान्हवी.

उत्तराखंड: भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की दिशा में मुख्यमंत्री धामी का प्रयास, आयोजन में दी गई शपथ
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को बल्लीवाला, देहरादून में 'भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड' के लिए धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में भाग लिया और सभी उपस्थित लोगों को भ्रष्टाचार से मुक्ति की शपथ दिलाई।
इस समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य में भ्रष्टाचार का सामना करने के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह पहल केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सीएम धामी ने बताया कि इस अभियान में सभी का सहयोग अनिवार्य है।
भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री धामी ने जोर देकर कहा कि यह कार्यक्रम न केवल मान्यता है बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की हमारी साझी सपना का उत्सव है। उन्होंने नागरिकों को आश्वासन दिया कि उनका समर्थन इस अभियान की रीढ़ की हड्डी है, जिसका उद्देश्य राज्य प्रशासन में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है।
पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी सूत्र
धामी ने पारदर्शिता के महत्व को रेखांकित करते हुए राज्य सरकार की 'शून्य सहिष्णुता' नीति पर चर्चा की। उन्होंने ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रियाओं और परीक्षा प्रणालियों की निगरानी जैसी तकनीकी नवाचारों का लाभ उठाने की बात की। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (1905) और भ्रष्टाचार शिकायतों के लिए समर्पित हॉटलाइन (1064) जैसे पहल पारदर्शिता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण हैं।
पिछले तीन वर्षों में, सरकार ने 200 से अधिक लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार में शामिल होने के लिए सख्त कार्रवाई की है, जिससे उनकी जवाबदेही की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। इसके अलावा, धामी ने बताया कि पिछले चार वर्षों में 24,000 से अधिक लोगों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं, जिससे प्रशासन की निष्पक्षता और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है।
कानूनी ढांचे को मजबूत करने और सार्वजनिक सुरक्षा उपाय
मुख्यमंत्री ने अवैध भूमि अधिग्रहण और लव जिहाद जैसी समस्याओं का मुकाबला करने के लिए कई महत्वपूर्ण कानूनों को लागू करने के बारे में बताया। "ऑपरेशन कालनेमी" जैसी पहलों को संदिग्ध व्यक्तियों, जिसमें अवैध प्रवासी शामिल हैं, की पहचान करके उन्हें पकड़ने के लिए चर्चा की गई। उन्होंने आम जनता से आग्रह किया कि वे किसी भी ऐसी गतिविधियों की रिपोर्ट तुरंत अधिकारियों को करें।
धामी ने नागरिकों से भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे के प्रति समर्थन व्यक्त करने की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिद्धांत “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” को दोहराते हुए कहा कि राज्य सरकार पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित शासन मॉडल का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
साझी प्रयासों की आवश्यकता
समारोह में धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा विधायक खजान दास और स्वामी चिदानंद सरस्वती जैसे प्रमुख नेता भी शामिल हुए। उनके समर्पण ने प्रशासन के भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों के लिए व्यापक समर्थन की पुष्टि की।
समारोह की समाप्ति के समय, मुख्यमंत्री ने नागरिकों से एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया, जिससे उत्तराखंड के लिए एक समृद्ध और नैतिक भविष्य की उम्मीद बढ़ी। यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार मुक्त राज्य की दिशा में यात्रा एक साझा जिम्मेदारी है, जिसमें हर व्यक्ति का योगदान आवश्यक है।
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