इजराइल ने वेस्ट बैंक से 10 भारतीय मजदूरों को छुड़ाया:एक महीने से फिलिस्तीनियों ने बंधक बना रखा था, पासपोर्ट भी जब्त कर लिए थे
इजराइली अधिकारियों ने वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों की कैद से 10 भारतीय मजदूरों को छुड़ा लिया। सभी को इजराइल लाया गया है। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीनियों ने इन भारतीयों को मजदूरी के काम का झांसा देकर इजराइल से वेस्ट बैंक के अल-जायम गांव में बुलाया था। इसके बाद उन्हें बंधक बनाकर सभी के पासपोर्ट जब्त कर लिए थे। फिलिस्तीनी इन पासपोर्ट का इस्तेमाल कर अवैध रूप से इजराइल में घुसने की कोशिश कर कर रहे थे। इजराइली अधिकारियों ने 6 मार्च की रात वेस्ट बैंक में एक ऑपरेशन चलाकर इन सभी बंधकों को छुड़ाया। इजराइल में भारत के दूतावास ने इसकी जानकारी दी है। फिलहाल मामले की जांच जारी है। भारतीय दूतावास इजराइली अधिकारियों के संपर्क में हैं। 2024 से 16 हजार भारतीय मजदूर इजराइल पहुंचे टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, पिछले साल से अब तक करीब 16 हजार भारतीय मजदूर इजराइल पहुंचे हैं। मई 2023 में इजराइल और भारत के बीच एक श्रम समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के तहत 42,000 भारतीय मजदूरों को इजराइल में रोजगार दिया जाना था। दिसंबर 2023 में, जंग पर चर्चा के दौरान, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारतीय मजदूरों को इजराइल भेजने की प्रक्रिया को तेज करने पर सहमति जताई। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक इजराइल में श्रमिक लोहे की बाइंडिंग, फ्लोर-टाइल्स सेटिंग, प्लास्टरिंग और कारपेंटर जैसे काम करते हैं। इन्हें भारत के मुकाबले 5 गुना ज्यादा सैलरी मिलती है। इजराइल सरकार की एजेंसी Population and Immigration Authority ने भारत से जाने वाले वर्कर्स के लिए सैलरी स्ट्रक्चर जारी किया था। इसके मुताबिक, उन्हें हर महीने 1.37 लाख रुपए सैलरी दी जाएगी। भारत से उन्हीं कामगारों को इजराइल भेजा जाएगा, जिनके पास मैकेनिकल या फिर कंस्ट्रक्शन ट्रेड में डिप्लोमा है। इजराइल में श्रमिकों की कमी क्यों... 7 अक्टूबर को इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद इजराइल ने वहां काम कर रहे फिलिस्तीनियों का वर्क परमिट खारिज कर दिया। इजराइल की कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में उस वक्त करीब 80 हजार फिलिस्तीनी लेबर काम करती थी। उनके जाने के बाद इजराइल में लेबर की कमी होने लगी। इसका सीधा असर इजराइल की GDP पर पड़ने का खतरा मंडराने लगा। ब्रिटिश मीडिया 'द गार्जियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के वित्त मंत्रालय ने आशंका जताई थी कि कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री का काम ठप होने के चलते इजराइल की GDP में 3% की गिरावट आ सकती है। इसके बाद नवंबर 2023 में इजराइल ने कंस्ट्रक्शन और एग्रीकल्चर इंडस्ट्री में वीजा देना शुरू कर दिया। ----------------------------

इजराइल ने वेस्ट बैंक से 10 भारतीय मजदूरों को छुड़ाया: एक महीने से फिलिस्तीनियों ने बंधक बना रखा था, पासपोर्ट भी जब्त कर लिए थे
Kharchaa Pani - नई दिल्ली। इजराइल ने हाल ही में वेस्ट बैंक से 10 भारतीय मजदूरों को छुड़ाने में सफलता प्राप्त की। ये मजदूर पिछले एक महीने से फिलिस्तीनियों द्वारा बंधक बनाए गए थे और उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए गए थे। यह घटना एक बार फिर से इस क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन की गंभीरता को उजागर करती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मजदूरों का हाल बेहाल था और उनकी जीवन-threatening स्थिति की खबरों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंतित कर दिया था।
घटना का विवरण
मजदूरों को मध्य पूर्व के एक निर्माण परियोजना के तहत वेस्ट बैंक में भेजा गया था। मजदूरों का कहना है कि वे काम के दौरान फंस गए थे जब स्थानीय समूहों ने उन्हें बंधक बना लिया। इजरायल सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित किया कि इन लोगों को सुरक्षित स्थान पर लाया जाए। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि बंधकों की स्थिति गंभीर थी, क्योंकि उन्हें न केवल फिजिकली बल्कि मानसिक रूप से भी अत्यधिक कष्टों का सामना करना पड़ा।
मानवाधिकारों का उल्लंघन
यह घटना मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक और प्रमाण है। कई मानवाधिकार संगठन इस पर गंभीर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि मजदूरों के परिजनों ने भारत के विदेश मंत्रालय से मदद मांगी थी और उनकी सुरक्षा की मांग की थी। भारत सरकार ने भी इस मामले पर ध्यान दिया और अपने नागरिकों के पक्ष में सख्त कार्रवाई की।
भविष्य की संभावनाएँ
इस घटना ने भारतीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी है। कई लोग पूछ रहे हैं कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि ऐसे मामलों में जल्दी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निष्कर्ष
इजराइल द्वारा 10 भारतीय मजदूरों को सुरक्षित रूप से छुड़ाना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह भी हमें याद दिलाता है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमें और अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। आशा है कि भविष्य में ऐसे मामले समाप्त हों और हर किसी को सुरक्षित रहने का अधिकार मिले।
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