हरिद्वार में ऑपरेशन कालनेमि: 13 फर्जी बाबाओं की गिरफ्तारी के बाद फिर से जागरूकता का दौर
हरिद्वार: OPERATION KALANEMI HARIDWAR ऑपरेशन कालनेमि के तहत उत्तराखंड में छद्म वेशधारियों के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चल रहा है. शुक्रवार को देहरादून में एक बांग्लादेशी नागरिक समेत 25 फर्जी बाबा पकड़े गए थे. हरिद्वार पुलिस ने भी छद्म वेशधारियों के खिलाफ अभियान चलाया. धर्मनगरी में 13 फर्जी बाबा पकड़े गए. अखाड़ा परिषद के […] The post OPERATION KALANEMI HARIDWAR : हरिद्वार में ‘ऑपरेशन ‘कालनेमि’, जेल भेजे गए 13 फर्जी बाबा appeared first on Page Three.

हरिद्वार में ऑपरेशन कालनेमि: 13 फर्जी बाबाओं की गिरफ्तारी के बाद फिर से जागरूकता का दौर
हरिद्वार: OPERATION KALANEMI HARIDWAR के तहत उत्तराखंड में छद्म वेशधारियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान चलाया जा रहा है। इस बातचीत को महत्व देते हुए, शुक्रवार को देहरादून में 25 प्रवासी फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल था। इसी अभियान के तहत, हरिद्वार पुलिस ने 13 और फर्जी बाबाओं को पकड़ने में सफलता प्राप्त की।
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ऑपरेशन कालनेमि का उद्देश्य
ऑपरेशन कालनेमि का लक्ष्य न केवल धार्मिक धोखाधड़ी को खत्म करना है, बल्कि समाज में सच्चाई फैलाना भी है। उत्तराखंड पुलिस ने पीड़ितों की शिकायतें और स्थानीय सूचना के आधार पर इस अभियान की शुरुआत की है। इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि धार्मिक ठगी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
फर्जी बाबाओं के कार्य पद्धति
पकड़े गए फर्जी बाबाओं ने भोले-भाले लोगों को आत्मा की शांति, धन का वितरण और अन्य झूठे लाभ के नाम पर ठगा। इनकी पूजा-पाठ, तंत्र-मंत्र, और अन्य धार्मिक क्रियाएं असल में केवल लोगों को धोखा देने का एक माध्यम थीं। कई मामलों में, इनकी गतिविधियों ने लोगों के करियर को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया, और इसके परिणामस्वरूप कई लोगों के जीवन में स्थायी दुख उत्पन्न हुआ।
पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और प्रभाव
इस अभियान से न केवल गिरफ्तारियों की संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि यह इस बात का पक्ष भी प्रस्तुत करता है कि पुलिस इस गंभीर समस्या को लेकर कितनी गंभीरता से कार्य कर रही है। आगे बढ़ते हुए, पुलिस जागरूकता का प्रसार करने का भी प्रयास कर रही है ताकि लोग ऐसे फर्जी बाबाओं से सतर्क रहें।
समाज की भूमिका
फर्जी बाबाओं से सुरक्षा केवल पुलिस की कार्रवाई तक सीमित नहीं होनी चाहिए। समाज के हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है। जागरूकता फैलाने और सूचना साझा करने से ही हम इस प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकते हैं। एकजुट होकर हम एक मजबूत सहारा बना सकते हैं।
निष्कर्ष
ऑपरेशन कालनेमि की यह कार्रवाई केवल एक शुरुआत है। इससे समाज में धर्म के नाम पर चलने वाले धोखाधड़ी के खेल को समाप्त करने की दिशा में पहला कदम उठाया गया है। हरिद्वार में पकड़े गए फर्जी बाबाओं ने हमें यह सीख दी है कि अपनी धार्मिक आस्था की रक्षा हमें खुद करनी होगी। आने वाले समय में, यदि हम इसी दिशा में आगे बढ़ते रहें, तो हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
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टीम खर्चा पानी - प्रिया शर्मा
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