सीएम धामी ने धराली आपदा में संपत्ति के आकलन के लिए निर्धारित की सात दिन की समयसीमा
सीएम धामी ने जिलाधिकारी सहित संबंधित विभागों के सचिवों को धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए निजी और सार्वजनिक संपत्ति के आकलन को 7 दिन की टाइमलाइन में तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में आठ संबंधित विभागों … read more

सीएम धामी ने धराली आपदा में संपत्ति के आकलन के लिए निर्धारित की सात दिन की समयसीमा
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली में आई भीषण आपदा के बाद जिलाधिकारी और संबंधित विभागों के सचिवों को निर्देशित किया है कि वे निजी और सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान का आकलन केवल 7 दिनों में कर पूरा करें। यह कदम राहत गतिविधियों को गति देने के लिए उठाया गया है।
धराली क्षेत्र में हाल ही में आई आम आपदा ने भारी तबाही मचाई है, जिसके दौरान मुख्यमंत्री धामी ने इस अपात स्थिति की समीक्षा की और आपात राहत के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह समयसीमा जरूरी है ताकि प्रभावित व्यक्तियों को शीघ्र सहायता प्रदान की जा सके।
राहत कार्यों की गति बढ़ाना
अभी तक कुछ प्रारंभिक रिपोर्टें संबंधित विभागों द्वारा प्रस्तुत की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जो भी आंकड़े उपलब्ध हैं, उनके आधार पर सरकार तात्कालिक सहायता वितरण के काम को शुरू करेगी। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि रिपोर्ट के तैयार होते ही, इसे भारत सरकार को भेजा जाए। यह समयसीमा राहत कार्यों को तेज करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
सीएम धामी ने धराली के अलावा उत्तराखंड के अन्य आपदाग्रस्त क्षेत्रों में भी राहत कार्यों के प्रदर्शन पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सरकार द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली सहायता राशि सही तरीके से जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुंचे। यह प्रयास राज्य सरकार का है कि नकारात्मकता न फैले और प्रभावित लोगों में विश्वास बना रहे।
आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशीलता
आपदा के कारण 108 परिवार प्रभावित हैं, जिन्हें बेघर होना पड़ा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे प्रभावित परिवारों के साथ संवाद बनाए रखें और उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखें। खाद्य सामग्री, दवा, और अन्य आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
विज्ञान आधारित सम지역 योजना
धराली आपदा क्षेत्र के मार्जिनलाइजेशन के लिए, मुख्यमंत्री ने आईआईटी रुड़की और अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं के जियोलॉजिस्टों की एक टीम तैयार करने का आदेश दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस समस्या के समाधान में गंभीर है।
संगठित राहत कार्य
मुख्यमंत्री धामी ने प्रमुख सचिव, डीजीपी, और सभी संबंधित विभागों के सचिवों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने उन अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रशंसा की, जो रक्षाबंधन पर्व के दौरान भी राहत कार्यों में सक्रिय थे। उन्होंने सभी अधिकारियों से और सहयोग की अपील की, ताकि आपदा प्रभावितों की पुनर्वास संबंधी गतिविधियाँ सही तरीके से हो सकें।
सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि धराली में लोगों की समस्या उनकी प्राथमिकता है, और सरकार इसके समाधान के लिए समर्पित रूप से कार्यरत है। इसके माध्यम से नागरिकों के बीच विश्वास का वातावरण बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है।
इस घटना का आकलन करने के लिए सरकार ने सभी आवश्यक साधनों को जुटा लिया है ताकि प्रभावित व्यक्तियों की मदद की जा सके। इस प्रकार की योजनाएं संवेदनशीलता और तात्कालिकता की पहचान करती हैं।
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