सतर्कता विभाग की कार्रवाई: रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए प्रभारी सचिव
देहरादून। सतर्कता अधिष्ठान, हल्द्वानी की टीम ने मंगलवार को मंडी समिति कार्यालय, काशीपुर में कार्यरत प्रभारी मण्डी सचिव पूरन सैनी, पुत्र हरी सिंह को ₹1,20,000 (एक लाख बीस हजार रुपये) की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। प्राप्त शिकायत के अनुसार, पूरन सैनी द्वारा मंडी समिति में लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया के एवज में प्रति […]

सतर्कता विभाग की कार्रवाई: रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए प्रभारी सचिव
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देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए, सतर्कता अधिष्ठान, हल्द्वानी की टीम ने मंगलवार को मंडी समिति कार्यालय, काशीपुर में कार्यरत प्रभारी मंडी सचिव पूरन सैनी, पुत्र हरी सिंह को ₹1,20,000 (एक लाख बीस हजार रुपये) की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह पूरी कार्रवाई पूरन सैनी के खिलाफ प्राप्त शिकायत पर आधारित थी, जिसके तहत उन्हें निगरानी में रखा गया था।
रिश्वत की मांग: एक गंभीर आरोप
जानकारी के अनुसार, पूरन सैनी ने मंडी समिति में लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया के लिए प्रति लाइसेंस ₹60,000 की अवैध धनराशि की मांग की। यह न केवल सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रतीक है, बल्कि जनता के प्रति धोखाधड़ी का एक बड़ा उदाहरण भी है। शिकायत की प्रारंभिक जांच में आरोपों को सही पाए जाने के बाद, सतर्कता अधिष्ठान ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की और सचिव को रंगे हाथ पकड़ लिया।
मुख्यमंत्री का समर्थन
इस मामले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिप्पणी करते हुए कहा, "हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। किसी भी व्यक्ति को, जो भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड में ईमानदार शासन व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है।" यह बयान स्पष्ट करता है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ संगठित और मजबूत कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 법 कार्रवाई
सरकारी सिस्टम में विश्वास बहाल करने की दिशा में यह कदम उठा लिया गया है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के लागू धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और विधिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह संकेत करता है कि सरकार और संबंधित विभाग न्याय के प्रति जिम्मेदार और सक्रिय हैं।
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई ने जनता के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कुछ लोग इसे सकारात्मक कदम मानते हैं, जबकि अन्य का मानना है कि यह केवल एक बूँद है, जबकि भ्रष्टाचार के कई अन्य मामलों की जांच अभी भी पेंडिंग हैं। ऐसे में नागरिकों ने अपनी आवाज उठाने और सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता की जरूरत को बल दिया है।
निष्कर्ष
यह मामला दर्शाता है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जनता की भूमिका इसमें बढ़े और वह सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता की अपेक्षा करें। इस घटना के माध्यम से यह भी सिद्ध होता है कि समाज की जागरूकता भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
समय पर इस तरह की कार्रवाई से हम एक स्वच्छ और पारदर्शी शासन व्यवस्था की ओर आगे बढ़ सकते हैं। यह घटना केवल एक मामले की कहानी नहीं, बल्कि एक व्यापक बदलाव का संकेत देती है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में आवश्यक है।
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सादर,
टीम खर्चा पानी
अनुश्री शर्मा
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