बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला, राहुल गांधी का राष्ट्रपति को पत्र:निर्दोष उम्मीदवारों को पद पर बने रहने की अपील की, सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच रोकी
पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाला मामले में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। राहुल गांधी ने कहा, ‘मैंने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।' उन्होंने निष्पक्ष तरीकों से चुने गए उम्मीदवारों को पद पर बने रहने की अनुमति देने की भी अपील की। राहुल गांधी ने भर्ती के दौरान किए गए किसी भी प्रकार के घोटाले की निंदा की है। राष्ट्रपति से अपील करते हुए गांधी ने लिखा, 'आपने खुद एक शिक्षक के रूप में काम किया है।' उन्होंने कहा- इनमें से कई निर्दोष शिक्षक भी काम कर रहे थे। उनकी बर्खास्तगी से शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण कठिनाई हो सकता है और उनके परिवारों के लिए के लिए भी मुश्किल का समय है। वहीं, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पदों को बढ़ाने को लेकर पश्चिम बंगाल कैबिनेट के फैसले की CBI जांच पर रोक लगा दिया। चीफ जस्टिज संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ' कैबिनेट के निर्णय की जांच CBI को सौंपना उचित नहीं था।' पीठ ने संवैधानिक योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि कैबिनेट के फैसले न्यायिक जांच के अधीन नहीं हैं। हालांकि, पीठ ने 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच जारी रहने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को 25,000 से ज्यादा शिक्षकों और गैर-शिक्षकों नियुक्तियों को अवैध करार देते हुए कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। ममता- यह मत समझिए कि हमने फैसले को स्वीकार कर लिया है सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन शिक्षकों और स्टाफ से मुलाकात की थी, जिनकी भर्ती सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी है। ममता बनर्जी ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं। यह फैसला उन कैंडिडेट्स के लिए अन्याय है, जो काबिल शिक्षक थे। उन्होंने कहा, 'आप लोग यह मत समझिए कि हमने फैसले को स्वीकार कर लिया है। हम पत्थरदिल नहीं हैं। मुझे ऐसा कहने के लिए जेल भी डाल सकते हैं, लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता है।'। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल BJP ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और जेल भेजने की मांग की है। भाजपा बोली- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदारी निभाने में फेल राज्य भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक्स पर पोस्ट कर कहा था - 'शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी राज्य की विफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ममता बनर्जी के शासन में कैसे पश्चिम बंगाल में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की योग्यता को पैसे के बदले बेचा गया!' भाजपा बोली- पिछले आदेश को स्वीकार किया होता तो 19 हजार शिक्षकों की नौकरी नहीं जाती पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पूरे मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दोषी ठहराया है। विधानसभा के बाहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा- कई मौके मिलने के बावजूद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की मांगी गई सूची नहीं दी। राज्य सरकार के पास अभी भी एक मौका है। 15 अप्रैल तक सूची जमा कर सकते हैं। ऐसा न होने पर हम 21 अप्रैल को एक लाख लोगों के साथ नबन्ना तक मार्च करेंगे। यह एक गैर-राजनीतिक, लोगों का आंदोलन होगा। उन्होंने कहा- वे बंगाल की CM नहीं सिर्फ TMC की नेता हैं। असली CM सभी बर्खास्त शिक्षकों से मिलता, न कि मुट्ठी भर शिक्षकों से। उन्होंने दावा किया कि ममता ने सिर्फ 7 हजार शिक्षकों से मुलाकात की। उनमें कई TMC कार्यकर्ता थे। वहीं, भाजपा सांसद और कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा- सरकार ने अगर पिछले आदेश को स्वीकार कर लिया होता तो 19 हजार शिक्षकों की नौकरी नहीं जाती। सुवेंदु बोले थे- ममता मुख्य आरोपी, उन्हें जेल जाना होगा भाजपा लगातार इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और उन्हें जेल भेजने की मांग कर रही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को भाजपा विधायकों के साथ मिलकर ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान अधिकारी ने कहा- ममता बनर्जी को जेल जाना होगा। वह मुख्य आरोपी हैं। उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने नौकरियों के बदले 700 करोड़ रुपए की रिश्वत ली है। इधर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भी कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी के विरोध में प्रदर्शन किया। वहीं, केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि ममता बनर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में जेल जाने वाली दूसरी मुख्यमंत्री होंगी। हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत ओम प्रकाश चौटाला ऐसे ही एक मामले में 2013 में जेल गए थे। ममता बोलीं थी- व्यक्तिगत तौर पर फैसला स्वीकार नहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ममता ने कहा था- वह व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं करती हैं, लेकिन उनकी सरकार इसे लागू करेगी और चयन प्रक्रिया को फिर से दोहराएगी। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या विपक्षी भाजपा और सीपीएम चाहते हैं कि बंगाल की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाए। उन्होंने कहा था, 'इस देश के नागरिक के रूप में, मेरे पास हर अधिकार है और मैं जजों के प्रति सम्मान के साथ इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती। मैं मानवीय दृष्टिकोण से अपनी राय व्यक्त कर रही हूं। गलत सूचना न दें या भ्रम पैदा न करें। सरकार फैसले को स्वीकार करती है। स्कूल सेवा आयोग से भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए कहा है।' दो पॉइंट में पूरा मामला समझें... ---------------------------- मामले से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... ममता बोलीं- काबिल टीचर्स के लिए कोर्ट का फैसला अन्यायपूर्ण:मत समझिए हमने इसे स्वीकार किया, यह कहने के लिए जेल भेज सकते हैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को उन शिक्षकों और स्टाफ से मुलाकात की, जिनकी भर्ती स

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: राहुल गांधी का राष्ट्रपति को पत्र
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बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले ने हमेशा विवादों का एक नया मोड़ लिया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने निर्दोष उम्मीदवारों को पद पर बने रहने की अपील की है। इस पत्र के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर CBI जांच को रोकने का निर्णय लिया, जिसने इस मुद्दे को और भी संवेदनशील बना दिया है।
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले का पृष्ठभूमि
बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला तब शुरू हुआ जब कई उम्मीदवारों ने यह आरोप लगाया कि उन्हें गलत तरीके से नियुक्त किया गया है। कई अभ्यर्थियों का कहना था कि उन्होंने सही तरीके से परीक्षा पास की थी, फिर भी उनकी नियुक्ति नहीं की गई। यह मामला तब ज्यादा गरम हो गया जब इस घोटाले के कई महत्वपूर्ण कथित साक्ष्य सामने आए।
राहुल गांधी का कदम
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि निर्दोष उम्मीदवारों को बिना किसी वजह के परेशान किया जा रहा है और उनकी करियर का भविष्य खतरे में है। उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की है कि उन्हें उन्हें बनी रहकर अपनी सेवा देने का मौका दिया जाए। गांधी ने कहा कि यह मामला केवल छात्रों का नहीं, बल्कि उनके भविष्य का है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
इस महत्त्वपूर्ण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच को इस समय रोकने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले की जांच उचित तरीके से की जानी चाहिए। CBI जांच के रोकने के बाद अब तो यह देखना है कि क्या राज्य सरकार और संबंधित अधिकारी इस दिशा में कोई कदम उठाते हैं कि आरोपी और निर्दोष के बीच का भेद सुस्पष्ट हो सके।
समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घोटाले को लेकर बंगाल के छात्र और युवा खासा असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए। कई संगठनों ने इस मामले में प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया है। न्याय की इस लड़ाई में, भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दल भी इसमें शामिल हो गए हैं।
निष्कर्ष
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला न केवल एक प्रशासनिक विफलता है, बल्कि यह उन युवा उम्मीदवारों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है जो सही तरीके से परीक्षा पास कर चुके हैं। राहुल गांधी का राष्ट्रपति को दिया गया पत्र इस बात का संकेत है कि यह मामला जल्द ही राजनीतिक रूप ले सकता है। क्या इस मामले में न्याय मिलेगा? सिर्फ समय बताएगा।
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