गैरसैंण में आयोजित विधानसभा मानसून सत्र, हंगामे की आहट, जानें क्या है मुद्दे
आज से शुरू हो रहे चार दिवसीय विधानसभा सत्र के लिए सरकार और विपक्ष ग्रीष्मकालीन...

गैरसैंण में आयोजित विधानसभा मानसून सत्र, हंगामे की आहट, जानें क्या है मुद्दे
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कम शब्दों में कहें तो, आज से शुरू हो रहे चार दिवसीय विधानसभा सत्र में सरकार और विपक्ष दोनों ही गैरसैंण (भराड़ीसैंण) पहुंच चुके हैं। इस सत्र में विभिन्न मुद्दों पर गर्म बहस और राजनीतिक हंगामे की उम्मीद जताई जा रही है, विशेष रूप से आपदा प्रबंधन और पंचायत चुनावों में हुई कथित गड़बड़ियों पर।
सदन की गरमी बढ़ाने वाले मुद्दे
इस बार के विधानसभा सत्र में सरकार 5000 करोड़ रुपये के अनुमानित अनुपूरक बजट को पेश करने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बजट को सदन में रखेंगे, जिससे वित्तीय जरूरतों पर चर्चा हो सकेगी। इस दौरान सदन में 550 से अधिक प्रश्न पूछे जा सकते हैं, जो मंत्रियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हैं।
महत्वपूर्ण विधेयकों की सूची
इस सत्र में जिन प्रमुख विधेयकों पर चर्चा होने की संभावना है, वे निम्नलिखित हैं:
- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025
- उत्तराखंड अल्प संख्यक शिक्षा विधेयक 2025
- उत्तराखंड साक्षी संरक्षण (निरसन) विधेयक 2025
- उत्तराखंड समान नागरिकता (संशोधन) विधेयक
- लोकतंत्र सेनानियों के अधिकारों को बढ़ाने से संबंधित विधेयक 2025
- पंचायत राज संशोधन विधेयक
- अनुपूरक विधेयक
विधानसभा अध्यक्ष का संदेश
सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने के उद्देश्य से विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे सदन की गरिमा बनाए रखें और प्रदेश के विकास एवं जन मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा करें। उन्होंने समस्त तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया है और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
बातचीत का केंद्र बनेंगे ये मुद्दे
सदन में आपदा प्रबंधन, त्रिस्तरिय पंचायत चुनावों में कथित गड़बड़ी, कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार, और विकास जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा की संभावना है। विपक्ष ने निश्चित रूप से इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है, वहीं सत्ताधारी पक्ष भी विपक्ष के सवालों का जवाब देने की तैयारी में है।
राजनीतिक दिशा निर्धारित करने का मौका
इस बार का विधानसभा सत्र राज्य की राजनीतिक दिशा को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सदन में होने वाली चर्चाएँ और बहसें निश्चित रूप से नागरिकों के लिए लाभदायक होंगी। यह सत्र न केवल सरकार की योजनाओं का सार्वजनिक प्रदर्शन करेगा, बल्कि विपक्ष की रणनीतियों को भी उजागर करेगा।
सदन में होने वाली गर्मागर्मी और चर्चाओं का परिणाम क्या होगा, यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा। लेकिन यह तय है कि इस विधानसभा सत्र का हर दिन राज्य की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करेगा।
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Written by: टीम खर्चा पानी (सीमा शर्मा)
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