कैंब्रियन हॉल स्कूल पर जिलाधिकारी का सख्त एक्शन, 10% से 5% फीस में कर दी गई कटौती
मुख्यमंत्री के निर्देश और जिला प्रशासन के आक्रामक रवैये से कैंब्रियन हॉल स्कूल अब बैकफुट पर आ गया है। स्कूल ने मनमाने तरीके से 10 प्रतिशत फीस वृद्वि को 05 प्रतिशत कम कर दिया है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों … read more

कैंब्रियन हॉल स्कूल पर जिलाधिकारी का सख्त एक्शन, 10% से 5% फीस में कर दी गई कटौती
कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्कूलों पर निगरानी तेज कर दी है। कैम्ब्रियन हॉल स्कूल ने अपनी मनमानी के चलते जब 10 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी को 5 प्रतिशत पर लाने के लिए मजबूर किया गया है।
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कैंब्रियन हॉल स्कूल, जो पहले शिक्षा के व्यवसायिकरण के लिए जाना जाता था, अब जिले के प्रशासन के आक्रामक रवैये की वजह से बैकफुट पर आ गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत, जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस स्कूल के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। पहले स्कूल द्वारा 10 प्रतिशत फीस वृद्वि को अचानक 05 प्रतिशत पर लाने का निर्णय लिया गया था, जिसका परिणाम काफी सकारात्मक दिखा।
भय बिनु होई न प्रीति: जिला प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन का यह कड़ा कदम तब उठाया गया जब कई अभिभावक आर्थिक समस्याओं के चलते डीएम सविन बंसल से शिकायत करने पहुंचे कि निजी स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने गंभीरता से ध्यान दिया और कहा कि यह मामला शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है। उन्होंने तुरंत एक कोर टीम का गठन किया, जिसका कार्य कैंब्रियन स्कूल की सीबीएससी संबद्धता की जांच करना और नियमों का पालन सुनिश्चत करना था।
अभिभावकों को मिली बड़ी राहत
जिलाधिकारी की पहल ने अभिभावकों के लिए बड़ी राहत का संदेश लाया है। स्कूल ने अब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी को घटाकर मात्र 05 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, स्कूल प्रशासन ने 18 जुलाई को अभिभावकों को एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है, जिसमें यह बताया गया है कि वसूल की गई अतिरिक्त फीस को भविष्य में फीस में समायोजित किया जाएगा। इसके साथ ही, यदि किसी अभिभावक ने फीस का भुगतान नहीं किया है तो उन पर कोई बिलंब शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
जिलाधिकारी का स्पष्ट संदेश
जिलाधिकारी सविन बंसल ने आइडेंटिटी को स्पष्ट किया कि शिक्षा का अधिकार सबका है और किसी भी अभिभावक का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसे स्कूलों की शिकायतें मिलीं, तो उनकी मान्यता निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा का मंदिर व्यवसाय नहीं हो सकता।
समापन
जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों ने अभिभावकों के लिए राहत का एक नया संदेश दिया है। अब शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनने दिया जाएगा और छात्रों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। अभिभावकों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है और इसे एक सकारात्मक बदलाव की ओर एक कदम माना जा रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल की सक्रियता और कड़ी कार्रवाई ने स्वच्छता और पारदर्शिता की एक नई लकीर खींची है।
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Article written by: प्रिया जैन, राधिका वकील, और साक्षी चौहान
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