उत्तराखंड के खूनी गांव का नाम बदलकर देवीग्राम, गांववासियों ने सीएम धामी को कहा धन्यवाद
पिथौरागढ़ का खूनी गांव अब देवीग्राम हुआ मुख्यमंत्री के प्रयासों से बदला गया गांव का नाम पिथौरागढ़ जिले में तहसील पिथौरागढ़ स्थित ग्राम “खूनी” का नाम बदलकर अब “देवीग्राम” कर…

उत्तराखंड के खूनी गांव का नाम बदलकर देवीग्राम, गांववासियों ने सीएम धामी को कहा धन्यवाद
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पिथौरागढ़ का "खूनी" गांव अब नई पहचान "देवीग्राम" के नाम से जाना जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी के प्रयासों से यह नाम परिवर्तन किया गया है। यह निर्णय पिथौरागढ़ जिले की तहसील पिथौरागढ़ स्थित इस गांव के लिए एक त्रासदी से बाहरी दुनिया में सकारात्मकता लाने का प्रयास है।
नाम परिवर्तन का उद्देश्य
गांव का नाम "खूनी" पहले से ही स्थानीय निवासियों के लिए चिंता और डर का कारण बन चुका था। मुख्यमंत्री धामी के इस कदम का उद्देश्य स्थानीय लोगों की भावनाओं को सम्मानित करना और उनकी पहचान को एक नए सकारात्मक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करना था। "देवीग्राम" नाम अब आध्यात्मिकता और संस्कृति का प्रतीक बन चुका है, जो लोगों के लिए गर्व का कारण बन गया है।
गांववासियों की प्रतिक्रिया
गांववालों ने इस नए नाम को लेकर मुख्यमंत्री धामी का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक नई शुरुआत है। गांव की निवासी शारदा देवी ने कहा, "हम अब गर्व से अपना गांव बताने की हिम्मत कर सकते हैं।" लोगों के चेहरे पर खुशी और उत्साह का माहौल देखना वाकई अद्भुत था। वे इस नाम परिवर्तन को एक नए युग की शुरुआत मानते हैं।
सामाजिक पहचान का महत्व
इस घटना से हमें यह सीखने को मिलता है कि नाम केवल एक शब्द नहीं, बल्कि वह हमारे इतिहास, संस्कृति और भावनाओं से गहराई से जुड़ा होता है। नाम परिवर्तन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है; यह एक समाज के मानसिकता को सकारात्मक दिशा में बदलने का प्रयास भी है।
मुख्यमंत्री धामी का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा, "हम अपने ग्रामीणों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। नाम न केवल पहचान का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और जीवनशैली का भाग भी है।" उनका यह बयान दर्शाता है कि सरकार स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
भविष्य की संभावनाएं
देवीग्राम का नया नाम केवल एक भौगोलिक पहचान में परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों की अपनी आवाज भी बनाता है। यह उन सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है जो अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखना चाहते हैं। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य स्थानीय पहचान को मजबूत बनाना और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ाना है।
इस बदलाव ने गांववासियों के दिलों में नई आशा की किरण जगाई है। उम्मीद है कि भविष्य में और भी ऐसे परिवर्तन देखने को मिलेंगे जो समाज की भलाई में योगदान देंगे।
कम शब्दों में कहें तो, यह बदलाव न केवल स्थान की पहचान को बदलता है, बल्कि एक नई सामाजिक चिंता का संकेत भी देता है। अधिक जानकारियों के लिए, हमारी वेबसाइट पर जाएं: Kharchaa Pani.
सादर,
टीम खर्चा पानी
राधिका शर्मा
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