Uttarkashi: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़कोट तहसील के स्यानाचट्टी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जनपद के स्यानाचट्टी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री आपदा प्रभावित लोगों से मिले तथा उनकी समस्याएं सुनकर हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया। स्यानाचट्टी के पास यमुना नदी में गडगाड गदेरे से मलबा आने से यमुना का प्रवाह अवरुद्ध होने के […] The post Uttarkashi:-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद की बड़कोट तहसील के स्यानाचट्टी में आपदा प्रभावित क्षेत्र का किया स्थलीय निरीक्षण appeared first on संवाद जान्हवी.

Uttarkashi: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़कोट तहसील के स्यानाचट्टी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बड़कोट तहसील के स्यानाचट्टी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय नागरिकों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। हाल ही में, गडगाड गदेरे से आई मलबे के कारण यमुना नदी का प्रवाह अवरुद्ध हो गया था, जिससे हालात गंभीर हो गए हैं।
निरीक्षण की मुख्य बातें
मुख्यमंत्री धामी ने जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय निवासियों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना। उनकी सकारात्मक प्रतिक्रिया ने स्पष्ट किया कि वे सरकारी सहायता के प्रति गंभीरता से चिंतित हैं।
- अस्थायी झील का निरीक्षण: मुख्यमंत्री ने गडगाड गदेरे से मलबा आने से बनी अस्थायी झील की स्थिति का आकलन किया और इसे खोलने के लिए तात्कालिक कार्रवाई के निर्देश दिए। उनका उद्देश्य जल संचय को रोकना है ताकि आगे कोई समस्या न हो।
- तत्काल सहायता की आश्वासन: मुख्यमंत्री ने आपदा से प्रभावित लोगों को तात्कालिक सहायता का आश्वासन दिया, जिसमें मुआवजा और प्रभावित क्षेत्रों का आकलन शामिल है।
चुनौतियां और कार्यवाही
सायनाचट्टी के आस-पास की स्थिति गंभीर है, क्योंकि मलबे के अवरोध के कारण एक अस्थायी झील बन गई है, जो आसपास की बस्तियों के लिए खतरा बन गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल निकासी के लिए झील का मुंह चौड़ा किया जाए और जमा हुए कीचड़ को निकालने की प्रक्रिया तेजी से की जाए।
इसके अलावा, उन्होंने जिला प्रशासन से जलभराव और भूस्खलन के नुकसान का तुरंत आकलन करने का आदेश दिया, जिसने स्थानीय कृषि, विशेषकर आलू फसल को बाधित किया है। मुख्यमंत्री ने इस संकट के समय किसानों के उत्पादों के उचित मूल्य सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
बुनियादी ढांचे का आकलन
बरसात के दौरान लापता हुए Kupda Kunshala पुल का निरीक्षण करते हुए, मुख्यमंत्री ने मरम्मत कार्य प्रारंभ करने के लिए यथाशीघ्र ठेकेदार नियुक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वैकल्पिक पैदल मार्ग स्थापित करने पर भी जोर दिया जब तक सामान्य पहुंच बहाल नहीं हो जाती।
यमुनोत्री मार्ग में बार-बार भूस्खलन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री ने यातायात के पुनरारंभ के लिए तात्कालिक उपायों की आवश्यकता बताई। उनका संदेश स्पष्ट था कि सरकार इस संकट में पीड़ितों के साथ खड़ी है।
सरकार की प्रतिबद्धता
अपने समापन भाषण में, मुख्यमंत्री धामी ने सभी आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति सरकार की unwavering समर्थन की चिंता जताई और यह आश्वासन दिया कि सभी संभव सहायता शीघ्रता से दी जाएगी। उनकी उपस्थिति ने यह दिखाया कि सरकार आपदा प्रबंधन में सक्रिय दृष्टिकोण रखती है, प्राथमिकता देते हुए प्रभावित निवासियों की जरूरतों और चिंताओं का समाधान करने में।
इस दौरे में स्थानीय विधायक, जिला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने प्रभावित समुदायों के दुखों को दूर करने का समान लक्ष्य रखा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह व्यापक निरीक्षण कार्यवाही और उनके बाद की प्रतिबद्धताएं इस प्राकृतिक आपदा के बाद सुधार प्रक्रिया में सहायता प्रदान करने की उम्मीद है।
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