UTTARAKHAND: राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक में मुख्यमंत्री ने गंगा संरक्षण के कार्यों को समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए किए जा रहे सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए। कहा कि लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट,सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आदि कार्यों के लिए कार्यदायी […] The post UTTARAKHAND:-मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक,गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए किए जा रहे सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश appeared first on संवाद जान्हवी.

UTTARAKHAND: राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक में मुख्यमंत्री ने गंगा संरक्षण के कार्यों को समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में गंगा नदी के संरक्षण और कायाकल्प के लिए की जा रही कोशिशें अब तेज होंगी। मुख्यमंत्री आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक में यह बात सामने आई। बैठक में यह निर्देश दिया गया कि सभी कार्यों को समयसीमा के भीतर पूर्ण किया जाए, जिसमें लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसी बुनियादी सेवाएं शामिल हैं।
बैठक के मुख्य बिंदु
बैठक में मुख्यमंत्री बर्द्धन ने गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए सभी कार्यों को त्वरित और प्रभावी तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कार्यों को गंभीरता से पूरा किया जाना चाहिए, खासकर लिक्विड और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने जिला गंगा समितियों की समय पर बैठकें आयोजित करने का भी निर्देश दिया।
नालों के प्रबंधन के लिए तात्कालिक कदम
बैठक में नालों के प्रबंधन पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जल निगम के तहत विकसित हो रहे नालों के प्रबंधन संयंत्रों को त्वरित रूप से पूरा किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि नए नालों के उपचार संयंत्र स्थापित करने से पहले संबंधित समिति से अनुशंसाएं ली जानी चाहिए। कर्तव्यधारक अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग में एसटीपी का निर्माण करने के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रियाओं में तेजी लाएं।
समग्र विश्लेषण और तकनीकी एकीकरण
गंगा के लिए प्रभावी नालों के प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य में नालों के प्रबंधन प्रणाली का गैप विश्लेषण करने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने गंगा की विभिन्न उपनदियों के लिए बाढ़पालीन ज़ोनिंग और जलविज्ञान सर्वेक्षण कार्यों को तेजी से पूरा करने की आवश्यकता बताई। इन प्रयासों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की महत्वपूर्णता को रेखांकित करते हुए, वे तकनीकी एकीकरण की दिशा में भी आगे बढ़ने को प्रेरित कर रहे हैं।
इसके अलावा, निगरानी को बढ़ाने के लिए उन्होंने एक ऑनलाइन निगरानी प्रणाली के कार्यान्वयन का निर्देश दिया। स्लज प्रबंधन योजना की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया। उन्होंने बची हुई 37 विरासती कचरा स्थलों को साफ करने के लिए त्वरित कार्य योजना तैयार करने की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया।
वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
बैठक में प्रमुख अधिकारियों की भागीदारी देखी गई, जिनमें प्रमुख सचिव आर.के. सुदांशु, आर. मीना काशी सुंदर्म, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, प्रमुख वन संरक्षक पराग माधुकुर धकते, यूपीपीसीबी के सदस्य सचिव एस.पी. सुभूधि, एमडीडीए के उपाध्यक्ष और सूचना के महानिदेशक बंसिदीहर तिवारी शामिल थे। यह सब गंगा की रक्षा के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
निष्कर्ष: कार्य की आवश्यकता
यह बैठक उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के संरक्षण के लिए चल रही कोशिशों में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतिनिधित्व करती है। अब जबकि निर्देश दिए जा चुके हैं, ध्यान त्वरित कार्यान्वयन और प्रक्रियाओं की प्रभावी निगरानी पर है। सभी संबंधित पक्षों को इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया गया है, ताकि गंगा नदी का संरक्षण एवं पुनर्स्थापन हो सके, जो ना केवल सांस्कृतिक बल्कि पारिस्थितिकीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
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