7 सितम्बर 2025: पितृपक्ष के दौरान पूर्णिमा श्राद्ध, चंद्र ग्रहण से पहले करें तैयारी

7 सितम्बर 2025 को पितृपक्ष प्रारंभ पूर्णिमा श्राद्ध इस दिन चन्द्र ग्रहण इसलिए पूर्णिमा श्राद्ध को चन्द्र ग्रहण सूतक से पहले संपन्न कर दें ग्रहण सूतक समय उत्तराखंड में दोपहर…

Sep 7, 2025 - 09:34
 153  501.8k
7 सितम्बर 2025: पितृपक्ष के दौरान पूर्णिमा श्राद्ध, चंद्र ग्रहण से पहले करें तैयारी
7 सितम्बर 2025 को पितृपक्ष प्रारंभ पूर्णिमा श्राद्ध इस दिन चन्द्र ग्रहण इसलिए पूर्णिमा श्राद्ध को च

7 सितम्बर 2025: पितृपक्ष के दौरान पूर्णिमा श्राद्ध, चंद्र ग्रहण से पहले करें तैयारी

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Kharchaa Pani

कम शब्दों में कहें तो, 7 सितंबर 2025 को पितृपक्ष के प्रारंभ के साथ पूर्णिमा श्राद्ध का आयोजन किया जा रहा है। इस दिन चंद्र ग्रहण भी है, इसलिए धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध कर्म चंद्र ग्रहण सूतक से पहले संपन्न कर लेना चाहिए।

क्या है पितृपक्ष का महत्व?

पितृपक्ष का समय हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर माना जाता है। इस अवसर पर लोग श्राद्ध अर्पित करते हैं ताकि उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिले। 2025 में ये दिन पूर्णिमा पर आने वाला है, जो कि पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है।

चंद्र ग्रहण का सूतक काल

चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल का प्रभाव होता है, जिस दौरान मंदिरों में पूजा-पाठ नहीं किया जाता और कुछ विशेष कार्यों से बचा जाता है। उत्तराखंड में इस दिन का सूतक समय दोपहर में शुरू होगा। इसलिए, पुजारियों और भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे अपने श्राद्ध कार्य को चंद्र ग्रहण के सूतक से पहले पूरा कर लें।

कैसे करें श्राद्ध?

श्राद्ध कर्म का विधान विधिपूर्वक करना चाहिए। इसे करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखनी चाहिए:

  • निश्छल भावना: इस कार्य को श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाना चाहिए।
  • सामग्री का अभाव: श्राद्ध के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कच्चा खाना, उनके प्रिय वस्त्र आदि का ध्यान रखें।
  • पुजारी की सहायता: यदि आवश्यक हो तो किसी योग्य पुजारी की मदद ले सकते हैं।

उपसंहार

इस पितृपक्ष के दौरान, 7 सितंबर 2025 को पूर्णिमा श्राद्ध का विशेष रूप से महत्व है। चंद्र ग्रहण के सूतक काल के पहले श्राद्ध कार्य संपन्न करने की सलाह दी जाती है। अपनी परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं के अनुसार इसे समय पर करना न केवल हमारे पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करता है, बल्कि हम सभी को आशीर्वाद का भी पात्र बनाता है।

अधिक जानकारी और धार्मिक गतिविधियों के बारे में अपडेट के लिए, यहां क्लिक करें.

सादर,
टीम खर्चा पानी
(निर्मला शर्मा)

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow