हिमालयन यूनिवर्सिटी का 51 लाख का योगदान, आपदा राहत कोष को मिली बड़ी मदद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस दौरान स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी द्वारा उत्तरकाशी जिले के धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा के राहत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में … read more

हिमालयन यूनिवर्सिटी का 51 लाख का योगदान, आपदा राहत कोष को मिली बड़ी मदद
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधिमंडल मिला, जिसमें विश्वविद्यालय ने उत्तरकाशी जिले के धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा के राहत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में ₹ 51 लाख का योगदान देने की घोषणा की। यह सहयोग स्थानीय आपदा पीड़ितों की सहायता और पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे उनके जीवन में थोड़ी बहुत राहत मिलेगी।
आपदा राहत कोष में योगदान का महत्व
मुख्यमंत्री धामी ने स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के इस उदार योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसी सहायता केवल तत्काल राहत ही नहीं देती, बल्कि इससे समुदाय में सहयोग और एकता की भावना भी मजबूत होती है। यह योगदान निश्चित रूप से अन्य संगठनों को भी प्रेरित करेगा कि वे भी आगे आकर इस प्रकार के कार्यों में हिस्सेदारी निभाएं, और समाज में सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करें।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविकता
उत्तराखंड के धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा ने स्थानीय निवासियों के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। यहां की प्राकृतिक सौंदर्य अब संकट में है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। इस धनराशि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रभावित लोगों को आवास, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में इस्तेमाल किया जाएगा।
स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी का सामाजिक योगदान
स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी ने इस संकट के समय केवल वित्तीय सहायता ही नहीं दी, बल्कि उन्होंने मानवता के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी निर्वाह किया है। इस तरह के सहयोग केवल शिक्षा संस्थानों के लिए नहीं, बल्कि समाज की जिम्मेदारी भी बनता है। इसका उद्देश्य है कि सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय अपनी बुनियादी जिम्मेदारियों को समझें और समाज के प्रति सक्रिय रहें। यह योगदान राज्य की विकासशील छवि को भी मजबूत करेगा।
भविष्य के लिए एक दृष्टि
स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी का यह योगदान हमें यह याद दिलाता है कि विपरीत समय में एकजुटता और सहयोग कितना आवश्यक है। हमें भी चाहिए कि हम ऐसे प्रयासों में सहयोग दें और समाज में एकजुटता की भावना को बढ़ावा दें। आशा है कि अन्य संस्थान भी इस तरह की सक्रियता प्रदर्शित करेंगे और समाज में समरसता लाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
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सामाजिक कार्यों के प्रति संवेदनशीलता प्रदर्शित करने के इस मौके पर, हम सभी से अपील करते हैं कि हम भी संकट के समय में एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद करें।
— टीम खर्चा पानी, सुषमा मेहरा
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