सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए ऋण प्रक्रियाओं और बीमा क्लेम में सुधार जरूरी: सीएम
केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लोगों को पूरा लाभ मिले, इसके लिए लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण देने की प्रक्रियाओं का और सरलीकरण किया जाए। जन समस्याओं का समाधान करना हमारी शीर्ष प्राथमिकता हो। कृषि बीमा … read more

सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए ऋण प्रक्रियाओं और बीमा क्लेम में सुधार जरूरी: सीएम
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने हाल ही में सचिवालय में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की विशेष बैठक में कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राज्य के नागरिकों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का पूर्ण लाभ पहुंचाने के लिए ऋण प्रक्रियाओं और बीमा क्लेम के नियमों को सरल बनाना आवश्यक है। इस बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु और अन्य बैंक अधिकारियों की उपस्थिति थी।
ऋण प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि कई लोगों को ऋण प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इसे आगामी समय की एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि राज्य में ऋण जमा अनुपात में वृद्धि के लिए व्यावसायिक प्रयासों की आवश्यकता है। वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान यह अनुपात 54 प्रतिशत से बढ़कर 54.26 प्रतिशत हो गया है, जबकि उनका लक्ष्य इसे 60 प्रतिशत तक पहुंचाना है। इसके लिए उन्होंने विशेष रूप से पर्वतीय जनपदों - टिहरी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, पौड़ी और बागेश्वर पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।
बीमा क्लेम की प्रक्रियाओं का सरलीकरण
कृषि बीमा योजनाओं में बीमा क्लेम की प्रक्रियाओं को सुधारने की आवश्यकता पर सीएम ने बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि बीमा कवरेज की प्रक्रियाओं को काफी सरलीकृत किया जाए, ताकि लाभार्थियों को समय पर सहायता मिल सके। उत्तराखंड में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत लगभग 48 हजार व्यक्तियों को प्रति लाख की बीमा कवरेज प्राप्त है, जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने का प्रयास
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अंतर्गत राज्य में अब तक 39 लाख खाते खोले जा चुके हैं, जो पर्वतीय राज्यों में सबसे अधिक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के 70.23 प्रतिशत स्वयं सहायता समूहों का क्रेडिट लिंकेज हो चुका है। इसके अलावा, अक्टूबर के महीने में सभी जनपदों में बड़े स्तर पर समस्याओं के समाधान के लिए कैम्प का आयोजन किया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रगति
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में अग्रिमों में 10.26 प्रतिशत और जमा में 9.09 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। मुख्यमंत्री ने इन योजना के सकारात्मक परिणामों की सराहना की और सभी अधिकारियों से लगातार प्रयास करने का अनुरोध किया। पिछले तीन वर्षों में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत भी काफी सकारात्मक प्रगति हुई है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री का यह रुख दर्शाता है कि वे राज्य की वित्तीय स्थितियों को सुधारने और जन कल्याणकारी योजनाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए गंभीर हैं। यदि ऋण प्रक्रियाओं और बीमा क्लेम में सुधार किया जाता है, तो निश्चित रूप से यह राज्य के नागरिकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। इन आवश्यक बदलावों के माध्यम से, ऋण जमा अनुपात में वृद्धि के अपने लक्ष्य को हासिल करने में भी सहायता मिलेगी।
हमारे विचार: राज्य की वित्तीय स्थितियों में सुधार केवल संख्याओं का खेल नहीं है, बल्कि नागरिकों के समग्र कल्याण के लिए आवश्यक है। ऋण प्रक्रियाओं के सरलीकरण से न केवल ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी, बल्कि यह राज्य की आर्थिक वृद्धि को भी तेज करेगा।
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