विजय जड़धारी को इंद्रमणि बडोनी सम्मान, गिरीश बडोनी और अनिल नेगी की किताब का विमोचन
विजय जड़धारी: बीजों के जादूगर और पहाड़ की उम्मीद (इंद्रमणी बडोनी स्मृति सम्मान 2025 पर विशेष लेख) उत्तराखंड की धरती पर जब भी लोक चेतना, संघर्ष और प्रकृति संरक्षण…

विजय जड़धारी को मिला इंद्रमणि बडोनी सम्मान, गिरीश बडोनी और अनिल नेगी की किताब का विमोचन
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कम शब्दों में कहें तो
उत्तराखंड के प्रसिद्ध किसान और 'बीज बचाओ आंदोलन' के प्रणेता विजय जड़धारी को हाल ही में इंद्रमणि बडोनी स्मृति सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गिरीश बडोनी और अनिल नेगी की पुस्तक का विमोचन भी हुआ है।
विजय जड़धारी: बीजों के जादूगर
उत्तराखंड की माटी में जब भी लोक चेतना, संघर्ष और प्रकृति संरक्षण की चर्चा होती है, विजय जड़धारी का नाम गर्व से लिया जाता है। उनकी मेहनत और अनवरत प्रयासों के कारण उन्हें इंद्रमणि बडोनी स्मृति सम्मान 2025 से नवाजा गया। यह सम्मान उनके लिए एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है और उनके कार्यों की अद्भुत मान्यता है।
सम्मान का महत्व
इंद्रमणि बडोनी सम्मान उन लोगों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक परंपराओं के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान किया है। विजय जड़धारी का यह सम्मान उनकी बेजोड़ मेहनत का परिचायक है, और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत भी बनता है। उनके प्रयासों ने 'बीज बचाओ आंदोलन' को जन्म दिया, जिसने पारंपरिक कृषि पद्धतियों को जिंदा रखा है और बीजों के संरक्षण को बढ़ावा दिया है।
किताब का विमोचन
इस सम्मान के साथ-साथ गिरीश बडोनी और अनिल नेगी द्वारा लिखी गई नई किताब का विमोचन भी किया गया। इस किताब में पहाड़ों की संस्कृति, पर्यावरणीय चुनौतियां, और विजय जड़धारी की उत्कृष्ट कार्यशैली का गहन वर्णन प्रस्तुत किया गया है। यह किताब उन सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी, जो प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में रुचि रखते हैं।
लोक संघर्ष और संरक्षण की आवश्यकता
विजय जड़धारी का जीवन केवल कृषि और बीजों के संरक्षण की कहानी नहीं है, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन और निरंतरता का आंदोलन है। उन्होंने स्थानीय किसानों के साथ मिलकर एक ऐसा पहल शुरू किया है, जो खेती को केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी प्रासंगिक बनाता है। उनके कार्यों ने किसानों में आत्मविश्वास जगाया है और उनकी जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाया है।
एक नई आशा का संदेश
विजय जड़धारी का सम्मान और किताब का विमोचन हमें यह भी याद दिलाता है कि पर्यावरण का संरक्षण केवल सरकार का काम नहीं है, बल्कि यह हम सभी का कर्तव्य है। आगे बढ़ते हुए, हमें अपने स्थानीय संसाधनों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
विजय जड़धारी का यह पुरस्कार न केवल उनके कार्यों का सम्मान है, बल्कि यह उन सभी के लिए एक प्रेरणास्रोत भी है, जो पर्यावरण और संस्कृति के संरक्षण के लिए समर्पित हैं। उनकी यात्रा हमें यह सिखाती है कि यदि हम एकजुट होकर कार्य करें, तो हम अपने समाज और धरती के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
इस प्रकार, विजय जड़धारी जैसे महान व्यक्तित्व हमारी सामाजिक रचनात्मकता और पर्यावरणीय जागरूकता का प्रतीक हैं।
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सादर,
टीम खर्चआपानी
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