मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नई पहल, IAS अधिकारियों ने उठाए विकास के कदम

देहरादून। गांवों का कायाकल्प होने से विकसित प्रदेश और विकसित राष्ट्र का सपना साकार किया जा सकता है। उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सुदूरवर्ती गांवों के चतुर्दिक विकास का बीड़ा उठाया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अपनी प्रथम नियुक्ति स्थल […]

Jun 26, 2025 - 00:34
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नई पहल, IAS अधिकारियों ने उठाए विकास के कदम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नई पहल, IAS अधिकारियों ने उठाए विकास के कदम

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देहरादून। प्रदेश के गांवों के कायाकल्प से विकसित प्रदेश और राष्ट्र का सपना साकार किया जा सकता है। उत्तराखण्ड को देश के सर्वोच्च राज्यों में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुदूरवर्ती गांवों के समग्र विकास की दिशा में पहल की है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों को उनके पहले नियुक्ति स्थलों को गोद लेने का कार्य सौंपा गया है।

मुख्यमंत्री धामी की नई नीति का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के 40 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों से यह अपेक्षा की है कि वे अपने पूर्वस्थापन स्थानों की स्थायी प्रगति में सक्रिय रूप से योगदान आएंगे। यह कदम न केवल IAS अधिकारियों को उनकी सरकारी जिम्मेदारियों का बोध कराएगा, बल्कि गांवों के समग्र और स्थायी विकास में भी सहायक सिद्ध होगा। 20 मई 2025 को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा जारी आदेश के तहत, अधिकारियों को अपने गोद लिए गए गांवों में विकास कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया था।

समुदाय से जुड़ाव और विकास योजनाएं

IAS अधिकारी अब अपने गोद लिए गए गांवों की समस्याओं को समझने के लिए रात्रि प्रवास भी कर रहे हैं। इससे वे ग्रामीण जीवन और उनके वास्तविक मुद्दों को नजदीक से देख पा रहें हैं। अधिकारियों द्वारा बनाई गई कार्ययोजना में ग्रामीण विकास के लिए विविध किफायती और स्थायी उपाय शामिल हैं, जिनमें सामाजिक और आर्थिक विकास हेतु कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) और अन्य संसाधनों का उपयोग शामिल है।

आर्थिक प्रगति में तेजी लाने की रणनीतियाँ

मुख्यमंत्री धामी के अनुसार, IAS अधिकारियों को जिला योजना, राज्य सेक्टर और वित्त कमीशन से मिलने वाली धनराशि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में कार्ययोजना तैयार करनी थी। इस दिशा में अधिकारियों ने गांव के समग्र विकास के लिए सार्थक योजनाएँ तैयार करने में तेजी से काम किया है। यद्यपि प्रारंभ में कई चुनौतियाँ थीं, अधिकारियों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग को सुनिश्चित करके योजनाओं को बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है।

भविष्य की दिशा

धामी की इस क्रांतिकारी पहल से न सिर्फ गांवों का विकास होगा, बल्कि इसमें सामाजिक समरसता और आर्थिक प्रगति की भी संभावना है। IAS अधिकारियों की यह अनूठी पहल दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम लाने की उम्मीद जगाती है। यह संकेत करता है कि अगर सरकार और प्रशासन मिलकर काम करें, तो किसी भी ग्रामीण क्षेत्र का कायाकल्प संभव है।

अंत में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह अभिनव पहल केवल सरकारी अधिकारियों पर निर्भर नहीं है, बल्कि इसमें समाज का भी सक्रिय योगदान आवश्यक है। विकास की दिशा में इस प्रकार के कार्यों का समर्थन करके, हम उत्तराखंड को एक मजबूत और समृद्ध प्रदेश बनाने की दिशा में बढ़ सकते हैं।

कम शब्दों में कहें तो, यह पहल सुदूरवर्ती गांवों के विकास में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जो सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास करती है।

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सादर,
टीम खर्चा पानी
नेहा जैन

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