मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे, राज्यहित में नीतिगत सुधार की मांग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं मंत्रीगण उपस्थित थे। मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर […] The post Varanasi:-मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राज्य से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया,उत्तराखंड के हित में अनेक नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता देने का किया आग्रह appeared first on संवाद जान्हवी.

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में भाग लिया। इस बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और अन्य मंत्रीगण शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर दिया।
मुख्य मुद्दे जो उठाए गए
बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री धामी ने बॉर्डर क्षेत्रों में सड़क और संचार सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता को प्रमुखता से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगी स्थिति से सुरक्षा एवं लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए उचित बुनियादी ढांचे की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से सीमा सड़क संगठन के माध्यम से सहायता बढ़ाने का आग्रह किया।
इसके अलावा, धामी ने स्थानीय गांवों में विकास की सुविधाओं की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से प्रवासन की चुनौतियों को कम किया जा सके। दूरस्थ क्षेत्रों में संचार को और मजबूत करने के लिए, उन्होंने भारतनेट परियोजना की शुरुआत, 4जी सेवाओं का विस्तार, और उत्तराखंड में उपग्रह संचार सेवाओं के कार्यान्वयन की मांग की।
राज्य के हित में नीतिगत शिथीलता का आग्रह
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय सरकार से अनुरोध किया कि उत्तराखंड के लिए लाभदायक कुछ नीतिगत प्रावधानों में शिथीलता पर विचार किया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए एक बार केंद्रीय सहायता आवंटन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के प्रभावी संचालन के लिए अतिरिक्त सहायता की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए एक उच्च-स्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना और क्षेत्र में जैव विविधता संरक्षण संस्थान के निर्माण के लिए तकनीकी सहायता की मांग की।
धामी ने साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को पहचानते हुए अंतरराष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की भी वकालत की। उन्होंने वर्ष 2026 में नंदा राज जात यात्रा और 2027 में कुंभ मेला के भव्य आयोजन के समर्थन की मांग की।
पर्यावरण एवं आर्थिक दृष्टिकोण
उत्तराखंड की अद्वितीय भौगोलिक स्थिति को उजागर करते हुए, धामी ने बताया कि राज्य का 71% क्षेत्र जंगलों से ढका हुआ है। विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हुए भी, राज्य ने मजबूत आर्थिक गतिविधियों का प्रदर्शन किया है और महत्वपूर्ण विकास दर हासिल की है। NITI Aayog द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य (SDG) रैंकिंग में उत्तराखंड को 2023-24 में शीर्ष स्थान दिया गया, जो राज्य की शासन और वित्तीय प्रबंधन की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, समान नागरिक संहिता की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं, और सख्त एंटी-कॉपींग व एंटी-कन्वर्जन कानूनों को लागू किया जा रहा है ताकि एक सामंजस्यपूर्ण और सुरक्षित राज्य का निर्माण किया जा सके। "वोकल फॉर लोकल" जैसे नवाचारों और भारत की पहली 'योग नीति' के परिचय ने आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाया है।
निष्कर्ष: एक मजबूत उत्तराखंड के लिए एक दृष्टि
मुख्यमंत्री धामी ने यह निष्कर्ष निकाला कि केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की पिछली बैठकों ने कई नीतिगत और अंतर-राज्यीय मुद्दों के समाधान में सहायता की है। सहयोग, सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रगति के साथ, भारत एक अधिक सुरक्षित, संगठित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हो रहा है।
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