धामी सरकार का नया दिशा-निर्देश: मरीजों के जीवन के हक में अनिवार्य किए गए रैफर नियम
राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और मरीज-केंद्रित बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सोमवार को सचिवालय स्थित सभागार में सभी 13 जनपदों … read more

धामी सरकार का नया दिशा-निर्देश: मरीजों के जीवन के हक में अनिवार्य किए गए रैफर नियम
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी एवं मरीज-केंद्रित बनाने के क्रम में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सोमवार को स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक में, उन्होंने सभी 13 जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) और उप-जिला अस्पतालों के प्रमुख अधीक्षकों (CMS) के साथ चर्चा की। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि रैफरल प्रणाली की पूरी जिम्मेदारी अब अधिकारियों पर होगी।
रैफरल प्रक्रिया पर केंद्रित निगरानी
स्वास्थ्य सचिव डॉ. कुमार ने रैफरल प्रणाली के संबंध में अपनी चिंताओं का इजहार किया। उन्होंने कहा कि “अब अस्पतालों से मरीजों को केवल ठोस कारणों के आधार पर ही रेफर किया जाएगा।” इसके साथ ही, उन्होंने स्पष्ट निर्देश जारी किए कि रैफरल प्रक्रिया में उचित काउंटर साइनिंग अनिवार्य होगी। यदि अधिकारी बिना उचित कारण के मरीज को रेफर करते हैं, तो उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। यह कदम मरीजों के जीवन की सुरक्षा के लिए उठाया गया है, जो कई बार अस्पतालों की लापरवाही के कारण संकट में पड़ जाते हैं।
आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की प्रभावशीलता
इस बैठक में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की स्थिति की भी गहन समीक्षा की गई। अगर किसी मरीज को समय पर 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हो रही है, तो स्थानीय अस्पतालों को वैकल्पिक व्यवस्था तुरंत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। डॉ. कुमार ने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि आपात स्थिति में हर मरीज को त्वरित रूप से अस्पताल पहुंचाना प्राथमिकता होनी चाहिए।
मृतकों के परिजनों का सम्मान
डॉ. कुमार ने एक गंभीर विषय की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा, “कई बार मृतक के परिजनों को शव को घर ले जाने में कठिनाई होती है।” यदि जनपद में शव वाहन उपलब्ध नहीं है, तो अस्पताल प्रशासन को अविलंब इंतजाम करने होंगे ताकि शव को सम्मानपूर्वक परिजनों तक पहुंचाया जा सके। यह एक नैतिक जिम्मेदारी है।”
डॉक्टरों के प्रमोशन और अनुशासनात्मक कार्रवाई
बैठक में डॉ. कुमार ने उन डॉक्टरों को चेतावनी दी, जिन्होंने स्थानांतरण आदेशों के बाद कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेवा शर्तों की अवहेलना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और आवश्यकता अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री धामी का यह कदम राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में न केवल सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह मरीजों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का प्रतीक है। रैफरल प्रक्रिया की कार्यप्रणाली को सुधारने से न केवल अस्पतालों में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलेंगी।
हालांकि, यह देखना शेष है कि क्या ये दिशा-निर्देश वास्तव में सख्ती से लागू होते हैं और मरीजों के जीवन को सुरक्षित रखने में सहायक सिद्ध होते हैं। इस पहल को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है, ताकि अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर ऊंचा उठ सके।
कम शब्दों में कहें तो, यह सरकार का यह कदम निश्चित रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। इसके सफल कार्यान्वयन के लिए सभी संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी निभाना आवश्यक होगा।
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सादर,
टीम खर्चा पानी, श्रुति शर्मा
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