देहरादून: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में निदेशक मंडल की 124वीं बैठक, ऊर्जा क्षेत्र की नई दिशा
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में देहरादून स्थित यूपीसीएल के ऊर्जा भवन में निदेशक मंडल की 124वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में विद्युत उत्पादन,पारेषण और वितरण से संबंधित प्रोजेक्ट के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई तथा ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों और समस्याओं के समाधान पर भी मंथन किया गया। मुख्य सचिव ने […] The post Dehradun:-मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई निदेशक मंडल की 124वीं बैठक,ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों और समस्याओं के समाधान पर हुआ मंथन appeared first on संवाद जान्हवी.

देहरादून: ऊर्जा विभाग की 124वीं निदेशक मंडल बैठक का आयोजन
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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में ऊर्जा भवन में आयोजित 124वीं निदेशक मंडल बैठक में विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। इसके साथ ही ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों और उनके सामने उपस्थित समस्याओं का समाधान भी खोजना चर्चा का हिस्सा रहा।
बैठक के प्रमुख बिंदु
बैठक के दौरान मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने ऊर्जा विभाग से आग्रह किया कि वे चल रहे विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण परियोजनाओं को तेजी से पूरा करें। वे यह सुनिश्चित करने के लिए दाब देते रहे कि उपभोक्ताओं को विश्वसनीय और किफायती बिजली प्रदान की जाए। इसके लिए सभी प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है।
तकनीकी मुद्दों के समाधान के लिए बर्द्धन ने प्रस्तावित किया कि बोर्ड में एक तकनीकी सदस्य की नियुक्ति की जाए। इस कदम से विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन से जुड़े मुद्दों की स्पष्टता और विश्लेषण में मदद मिलेगी।
प्रमुख निर्देश
पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, बर्द्धन ने बैठक के दौरान उत्तराखंड बिजली नियामक आयोग (UERC) द्वारा पारित टैरिफ आदेश को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, उन्होंने कंपनियों के लिए बढ़े हुए अधिकृत पूंजी के संबंध में सरकार को सूचित करने का भी अनुरोध किया। कार्यों के अनुकूलन के उद्देश्य से, उन्होंने एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) प्रणाली को सितंबर 2025 तक पूरी तरह से स्थापित करने का आदेश दिया।
मुख्य सचिव ने यह भी संकेत दिया कि दूरदराज के गांवों को जो अभी भी सौर ऊर्जा पर निर्भर हैं, उन्हें ग्रिड आधारित बिजली की आपूर्ति प्राप्त करनी चाहिए। इस पहल का उद्देश्य कम जुड़े क्षेत्रों में ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ाना है।
नई पहलों की स्वीकृति
बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण स्वीकृति में पूरे राज्य में ट्रांसफार्मरों में कैपेसिटर बैंकों की स्थापना को मंजूरी दी गई। 76,000 से अधिक कैपेसिटर बैंकों की स्थापना की जाएगी, ताकि वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार हो सके और कुल विद्युत वितरण प्रणाली में मजबूती प्रदान की जा सके।
इसके अलावा, उत्तराखंड में 100 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों को राज्य की ऊर्जा ढांचे में समाहित करने में मदद करेगा।
परियोजना वित्तपोषण के लिए वित्तीय रणनीतियाँ
बर्द्धन ने विभिन्न वित्तीय संस्थानों से प्रतिस्पर्धात्मक ब्याज दरों की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि इन परियोजनाओं के लिए उचित दरों पर फंड उपलब्ध हो सके। उन्होंने इस बात को अहम बताया कि इस वित्तीय समर्थन के बिना योजनाओं का सफल कार्यान्वयन और दीर्घकालिक बनाए रखना संभव नहीं है।
आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने पिछले तीन वर्षों में राजस्व संग्रह में निरंतर वृद्धि को दर्शाया है। इसी के साथ, बिजली ग्राहकों की रैंकिंग में भी सुधार हुआ है, और इसी दौरान एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल लोज़ (AT&C) में महत्वपूर्ण गिरावट आई है।
निष्कर्ष
बैठक ने उत्तराखंड के ऊर्जा क्षेत्र के विकास में एक सामूहिक प्रयास को दर्शाया, जिसमें प्रमुख सचिव आर. मेनाक्षी सुन्दरम, वित्त सचिव दिलीप जवालकर, और अन्य स्वतंत्र बोर्ड निदेशकों का योगदान शामिल है। उनकी सामूहिक विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि राज्य में एक अधिक प्रभावी ऊर्जा ढांचे के लिए मार्ग प्रशस्त करने की आशा जगाती है।
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