कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: मुख्यमंत्री धामी ने शुरू की पवित्र यात्रा

देहरादून : Kailash Mansarovar Yatra 2025  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को टनकपुर स्थित पर्यटन आवास गृह से  कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यात्रियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया तथा उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्मृति चिह्न भेंट किए। […] The post Kailash Mansarovar Yatra 2025 : मुख्यमंत्री धामी ने किया कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ appeared first on Page Three.

Jul 5, 2025 - 18:34
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कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: मुख्यमंत्री धामी ने शुरू की पवित्र यात्रा

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: मुख्यमंत्री धामी ने शुरू की पवित्र यात्रा

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देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को टनकपुर स्थित पर्यटन आवास गृह से कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस समारोह के दौरान, उन्होंने यात्रियों का पारंपरिक स्वागत किया और उन्हें उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्मृति चिह्न भेंट किए। यह यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाती है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व

कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करती है, जो आध्यात्मिक enlightenment के लिए इस चुनौतीपूर्ण यात्रा को तय करते हैं। पर्वत कैलाश को हिंदू, बौद्ध, जैन और बनपो द्वारा पवित्र माना जाता है, जिससे यह तीर्थयात्रा कई लोगों के लिए आध्यात्मिक अनुभव को समृद्ध बनाने वाला बन जाता है। मानसरोवर झील के स्वच्छ जल और कैलाश के भव्य दृश्य भारत की गहन आध्यात्मिक मान्यताओं और परंपराओं की याद दिलाते हैं।

संस्कृति का जश्न मनाते हुए

सर्वप्रथम दल को रवाना करते हुए, मुख्यमंत्री धामी ने यात्रियों को एक सुरक्षित और ज्ञानवर्धक यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा का महत्व केवल यात्रा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने यात्रियों को राज्य की संस्कृति से जुड़े पारंपरिक स्मृति चिह्न देकर यह सुनिश्चित किया कि वे अपने साथ उत्तराखंड की धरोहर को ले जाएं।

हाल के वर्षों में, यात्रा के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई सुधार किए हैं, जिसमें बेहतर सुविधाएं और सुव्यवस्थित मार्ग शामिल हैं। सरकार ने सुरक्षा और पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश किया है, जिससे विभिन्न पृष्ठभूमियों से लोग इस आध्यात्मिक यात्रा को आसानी से कर सकें। मुख्यमंत्री की इस यात्रा में भागीदारी सरकार की धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

यात्रा की चुनौतियाँ

हालाँकि कैलाश की सुंदरता अद्वितीय है, लेकिन यात्रा की चुनौतियाँ भी हैं। यात्रियों को अक्सर कठिन भूभाग और अप्रत्याशित मौसम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, प्रतिभागियों के लिए यात्रा की तैयारियों में शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना आवश्यक है। सरकार ने यात्रियों के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें स्वास्थ्य जांच भी शामिल है।

जैसे-जैसे यह pilgrimage शुरू होती है, उम्मीद की जा रही है कि कई लोग अपने अनुभव साझा करेंगे, जो आस्था, सहनशक्ति और समुदाय का प्रतीक हैं। यह एक भौतिक गंतव्य तक जाने की यात्रा नहीं है, बल्कि इस सुनहरी प्राकृतिक सुंदरता के बीच अपने भीतर की खोज का एक अवसर है।

निष्कर्ष

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 सिर्फ आध्यात्मिक अभियान नहीं है; यह उन सभी की आस्था, धैर्य और आत्मा का प्रतीक है, जो इसमें भाग लेते हैं। सरकार के समर्थन और श्रद्धालुओं की प्रतिबद्धता के साथ, इस वर्ष की यात्रा कई लोगों को प्रेरित करने के लिए तैयार है, जिनके विश्वास और सांस्कृतिक कनेक्शन को और मजबूत किया जाएगा। जैसे ही भक्त इस अद्भुत यात्रा पर निकलते हैं, वे अपनी आस्था ही नहीं, बल्कि एक ऐसी परंपरा का भी धारण करते हैं जो पीढ़ियों से जीवित है।

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