आपदा में मृत्यु के 72 घंटे के भीतर आर्थिक सहायता देने के सीएम धामी के निर्देश

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपदों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आपदा के दौरान किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात अनुग्रह राशि का वितरण 72 घंटे में प्रभावित परिवार/मृतक आश्रित को अनिवार्य रूप से कर दिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि मृतक की शिनाख्त या अन्य […]

Aug 22, 2025 - 00:34
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आपदा में मृत्यु के 72 घंटे के भीतर आर्थिक सहायता देने के सीएम धामी के निर्देश

आपदा में मृत्यु के 72 घंटे के भीतर आर्थिक सहायता देने के सीएम धामी के निर्देश

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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में आपदा के दौरान किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात प्रभावित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता राशि के वितरण को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अनुग्रह राशि 72 घंटे के भीतर मृतक के आश्रितों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि इसमें किसी भी प्रकार की देरी स्वीकार नहीं की जाएगी। मृतक की पहचान या अन्य कारणों से किसी प्रकार की अड़चन आ रही हो, तो एक सप्ताह के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना होगा।

मुख्यमंत्री के निर्देशों का महत्व

मुख्यमंत्री धामी के इस नये मार्गदर्शन का उद्देश्य आपदा के समय में त्वरित मदद प्रदान करना है, ताकि प्रभावित परिवार समय पर सहायता प्राप्त कर सकें। उनकी अध्यक्षता में, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विराज कुमार सुमन ने सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की और निर्देशों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी किए गए ऑरेंज अलर्ट को ध्यान में रखते हुए नदी-नालों के जल स्तर की निगरानी करने की भी सलाह दी है।

आपदा प्रबंधन में निरंतरता

सचिव सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा जनपदों में आपदा राहत और पुनर्निर्माण के लिए प्रयाप्त धन की व्यवस्था की गई है, जिसे समय पर व्यय करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, मानसून के दौरान उत्पन्न जोखिमों की समीक्षा के लिए सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक का आयोजन किया जा रहा है।

सुरक्षा के उपाय और जागरूकता

राज्य सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने सभी जनपदों में सुरक्षा उपायों पर जोर दिया। उन्होंने सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता को रेखांकित किया, विशेष रूप से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और नदियों के किनारे। लोगों को सुरक्षा स्नानालयों एवं संवेदनशील स्थानों पर जागरूक करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

रेस्क्यू वाहन की व्यवस्था

सचिव ने प्रत्येक तहसील के लिए रेस्क्यू वाहन खरीदने के प्रस्ताव पर चर्चा की। उनका मानना है कि आपदाओं के दौरान अनुकूल राहत एवं बचाव कार्यों के लिए ये वाहन बेहद उपयोगी साबित होंगे। इन वाहनों की उपलब्धता से प्रशासन को त्वरित कार्रवाई में लाभ मिलेगा।

भारत सरकार की टीम का निरीक्षण

जल्द ही भारत सरकार की एक सात-सदस्यीय टीम प्रदेश में आएगी, जो जारी आपदा के प्रभावों का निरीक्षण कर सके। इसके लिए जिलाधिकारियों को तैयारी के निर्देश दिए गए हैं ताकि वास्तविक परिस्थितियों को सही ढंग से प्रस्तुत किया जा सके।

मुख्यमंत्री धामी का संकल्प

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनका प्रमुख लक्ष्य आपदा प्रबंधन को प्रभावी और तात्कालिक बनाए रखना है ताकि संकट के समय में हर नागरिक को तुरंत सहायता मिल सके। प्रशासनिक स्तर पर इन निर्देशों को लागू करने के लिए सभी जिलाधिकारियों से आवश्यक कदम उठाने की अपील की गई है। समय पर सहायता प्रदान करने के निर्णय ने सभी जनपदों में सकारात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है।

इस प्रकार, उत्तराखंड में राहत प्रयासों के तहत उठाए गए कदम न केवल फौरन राहत देने वाले हैं, बल्कि ये भविष्य में बेहतर तैयारियों के लिए भी एक मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री धामी का यह निर्देश राज्य की निरंतरता और आपदा प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण योगदान है। इससे समय पर सहायता मिलना सुनिश्चित होता है और प्रभावित परिवारों के लिए यह एक संजीवनी का कार्य करेगा।

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टीम खर्छा पानी

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