आपदा प्रभावितों को अनुग्रह अनुदान सहायता तत्काल वितरित करने की मांग - बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में राज्य आपदा मोचन निधि एवं राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि मद के अंतर्गत राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान समिति द्वारा पुलिस महानिदेशक को एसडीआरफ दल को … read more

Sep 4, 2025 - 00:34
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आपदा प्रभावितों को अनुग्रह अनुदान सहायता तत्काल वितरित करने की मांग - बर्द्धन

आपदा प्रभावितों को अनुग्रह अनुदान सहायता तत्काल वितरित करने की मांग - बर्द्धन

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कम शब्दों में कहें तो मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में राज्य आपदा मोचन निधि एवं राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि की कार्यकारिणी समिति की बैठक में मानव वन्यजीव संघर्ष सहित आपदा प्रभावितों को अनुग्रह अनुदान सहायता तत्काल वितरित करने के निर्देश दिए गए।

आज सचिवालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में, मुख्य सचिव ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अधिकारियों को आपदाओं में प्रभावित लोगों के लिए सहायता वितरण में तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से मानव वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित लोगों के लिए प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।

बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

बैठक के दौरान, समिति ने एक प्रस्ताव पास करते हुए पुलिस महानिदेशक को एसडीआरफ दल को प्रशिक्षण देने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 की बची हुई धनराशि को वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में उपयोग करने की अनुमति दी। इसके साथ ही, जनपद चंपावत और पौड़ी को पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए दूसरी किश्त आवंटित करने पर सहमति जताई गई।

आपातकालीन स्थितियों के लिए दिशा-निर्देश

मुख्य सचिव ने आपदा विभाग को निर्देशित किया कि वे आपातकालीन स्थितियों में हेली सेवाओं के प्रयोग के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOP) तैयार करें। उन्होंने देहरादून में स्थित रिस्पना नदी के चौनलाइजेशन और ड्रेजिंग कार्यों के लिए सिंचाई और लोक निर्माण विभाग को एक साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिससे कार्यों की योजना और क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जा सके।

भविष्य की योजनाओं पर जोर

इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी बड़ी नदियों का अध्ययन करने का सुझाव दिया, ताकि इन नदियों के संबंध में एक सटीक कार्ययोजना बनाई जा सके। उन्होंने ख़तरे में मौजूद बस्तियों के बाढ़ सुरक्षा कार्यों के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए।

बायो इंजीनियरिंग और बायो फेंसिंग की महत्वता

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत बायो इंजीनियरिंग और बायो फेंसिंग के प्रयोग पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए संबंधित विभागों के साथ कार्यशाला आयोजित करने का प्रस्ताव भी सामने आया। यह कदम वन विभाग द्वारा की जाने वाली योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए होगा।

इस बैठक में सचिव शैलेश बगौली, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, अपर सचिव विनीत कुमार, और अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे। इस प्रकार की बैठकें न केवल आपातकालीन स्थितियों में तत्परता बढ़ाने में सहायक होती हैं, बल्कि सामाजिक संकट के समय मूक दर्शक बने रहने के बजाय तेज प्रतिक्रियाओं को प्रोत्साहित करती हैं।

इस तरह के कार्य तेजी से होने चाहिए ताकि प्रभावित लोगों को समय पर सहयोग मिल सके। हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार द्वारा नियुक्त उनके अधिकारी ज़मीन पर वास्तविक कार्य करें और लोगों की समस्याओं का निवारण करें।

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सादर,
टीम ख़र्चा पानी
सुवर्णा शर्मा

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